पिछले कई सालों से दिल्ली यूनिवर्सिटी का दयाल सिंह ईवनिंग कॉलेज के नाम से जाना जाने वाला कॉलेज अब ईवनिंग कॉलेज बन गया है। दरअसल, कई सालों की लंबी लड़ाई के बाद इस कॉलेज को आखिरकर मॉर्निंग कॉलेज का दर्जा मिल गया है। बता दें कि ये दिल्ली का तीसरा ईवनिंग कॉलेज है।
लाहौर में 1910 में स्थापित दयाल सिंह काॅलेज आज़ादी के बाद दिल्ली में 1958 में ईवनिंग कॉलेज के रूप में शुरू हुआ था जिसमें अधिकतर नौकरी पेशा लोग शाम को पढ़ते थे।
काॅलेज की संचालन समिति के अध्यक्ष अमिताभ सिन्हा ने बताया कि वर्षों की एक लम्बी लड़ाई के बाद इस काॅलेज को मॉर्निंग काॅलेज का दर्ज़ा मिला है। दयाल सिंह इवनिंग काॅलेज पहले मंदिर मार्ग में चलता था और उसमें नौकरी पेशा लोग ही पढ़ते थे लेकिन धीरे-धीरे इस काॅलेज में गैर नौकरी पेशा छात्रों की संख्या बढ़ती गयी और उनकी मांग सुबह की क्लास की होने लगी। दिल्ली विश्वविद्यालय में जिस तरह बाहरी छात्रों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी उसे देखते हुए मॉर्निंग काॅलेज की अधिक जरुरत हैं। अंततः छात्रों की जीत हुए और उनके हितों का ख्याल रखा गया।
उन्होंने कहा कि एक वर्ग विशेष लगातार इस प्रस्ताव का विरोध कर रहा था लेकिन हमने आठ महीने के भीतर इस लडाई को जीत लिया। दयाल सिंह मॉर्निंग काॅलेज देश के दस टॉप काॅलेज की रैंकिंग में आ गया है।