सुप्रीम कोर्ट के अगले वरिष्ठ चीफ जस्टिस के रूप में न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा का नाम तय कर लिया गया है। यानि की देश के न्यायमूर्ति मिश्रा देश के 45वें प्रधान न्यायाधीश बनेेंगे और 27 अगस्त को रिटायर हो रहे जस्टिस जे.एस खेहर की जगह लेंगे। कानून मंत्रालय की ओर से आज शाम एक अधिकारिक अधिसूचना जारी करते हुए मिश्रा (63) की नियुक्ति की घोषणा की गई है।
न्यायमूर्ति मिश्रा देश के प्रधान न्यायाधीश बनने वाले ओडिशा के तीसरे व्यक्ति होंगे। उनसे पहले ओडिशा से न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंगनाथ मिश्रा और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जी. बी. पटनायक प्रधान न्यायाधीश रह चुके हैं। न्यायमूर्ति मिश्रा मुंबई श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोटों के दोषी याकूब मेमन की मृत्युदंड पर रोक लगाने की याचिका खारिज करने वाली पीठ और निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में दोषियों की मौत की सजा बरकरार रखने वाली पीठ के अध्यक्ष रहे हैं।
तीन अक्टूबर, 1953 को जन्मे न्यायमूर्ति मिश्रा ने 14 फरवरी, 1977 को न्याय व्यवस्था में बतौर वकील प्रवेश किया और उन्होंने ओडिशा उच्च न्यायालय एवं सेवा न्यायाधिकरण में संवैधानिक, नागरिक, आपराधिक, राजस्व, सेवा एवं बिक्री कर मामलों के विशेषज्ञ वकील के तौर पर अपनी सेवाएं दीं। उन्हें 17 जनवरी, 1996 को ओडिशा उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया, जहां से उनका तबादला 3 मार्च, 1997 को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में हो गया और उसी वर्ष 19 दिसंबर को वह स्थायी तौर पर न्यायाधीश नियुक्त कर दिए गए।
न्यायमूर्ति मिश्रा को 23 दिसंबर, 2009 को पटना उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया और 24 मई, 2010 को वह दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने। वह 10 अक्टूबर, 2011 से सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश हैं। मिश्रा का कार्यकाल 2 अक्तूबर, 2018 को समाप्त होगा।