केजरीवाल सरकार का नया कारनामा, 3 महीने में खर्च किए करोड़ों
आम आदमी पार्टी अभी मोदी की डिग्री को लेकर विवादों में थी। जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री पर सवाल उठाया था उसे फर्जी बताया था। लेकिन अब केजरीवाल सरकार का एक नया कारनामा सामने आया हैं। केजरीवाल सरकार विज्ञापनो पर पैसा पानी की तरह बहा रही हैं। दिल्ली सरकार ने पिछले तीन महीने में विज्ञापनों पर करीब 15 करोड़ रूपये खर्च कर दिए है। एक आरटीआई के जवाब में यह जानकारी सामने आई है।
इस तरह सामने आई हकीकत
दिल्ली सरकार द्वारा विज्ञापन के लिए किए जा रहे पैसों के खर्च का हिसाब का पता एडवोकेट अमन पंवार ने लगाया। उन्होने केजरीवाल सरकार की ओर से विज्ञापनों पर खर्च किए गए पैसों को लेकर आरटीआई फाइल की थी। अमन पंवार कांग्रेस नेता हैं। अमन पंवार को मिले जवाब के मुताबिक दिल्ली सरकार ने 10 फरवरी से 11 मई के दौरान विज्ञापनों पर करीब 14.56 करोड़ रुपए खर्च किए। केजरीवाल सरकार ने कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु सहित कई राज्यों के दैनिक समाचार पत्रों को विज्ञापन दिए। सरकार ने तीन मलयाली और एक कन्नड़ न्यूज पेपर में भी विज्ञापन दिए। सरकार का कहना है कि ये विज्ञापन अपनी नीतियों के बारे में जागरुकता लाने के लिए दिए गए हैं।
कांग्रेस ने बोला हल्ला
दिल्ली सरकार के इस विज्ञापन अभियान को लेकर कांग्रेस मैदान में उतर आई हैं। कांग्रेस के नेता अजय माकन ने कहा, एक ओर तो हमारे पास सफाई कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं है, दूसरी तरफ वे विज्ञापनों में करोड़ों की राशि खर्च कर रहे हैं। लोकसभा में हाल ही में बताया गया था कि दिल्ली सरकार ने ऑन ईवन फॉर्मूले (सम विषम योजना) को लेकर विज्ञापनों पर करीब 5 करोड़ रुपए खर्च किए। 2010 में तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार ने
कॉमनवेल्थ गेम्स को लेकर विज्ञापनों पर 23 करोड़ रुपए खर्च किए थे तब आम आदमी पार्टी ने उनकी बहुत आलोचना की थी।