पचास हजार शिक्षकों को दिल्ली सरकार देगी टैब
शिक्षा में सुधार करने के लिए दिल्ली सरकार ने एक अहम फ़ैसला लिया है। सरकार ने तय किया है कि वह 50 हजार टैब शिक्षकों को और एक हजार टैब प्रधानाचार्यों व अधिकारियों को देगी। इस योजना पर 50 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। प्रधानाचार्यों, स्थायी व अनुबंधित शिक्षकों को मार्च 2017 से पहले टैब उपलब्ध करा दिए जाएंगे।
शिक्षा विभाग के मुताबिक, पिछले दिनों उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने शिक्षा में सुधार के लिए फिनलैंड सहित अन्य देशों का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने पढ़ाने की तकनीक व उपकरणों के प्रयोग की जानकारी हासिल की।इसी के तहत शिक्षकों को भी हाईटेक करने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। टैब देने की प्रक्रिया इसी का हिस्सा है। शिक्षकों को टैब देने के बाद उन्हें बच्चों का रिकॉर्ड कागज या रजिस्टर पर अलग-अलग नहीं रखना होगा।
टैब के माध्यम से ही सभी रिकॉर्ड एक जगह रख सकेंगे। टैब इंटरनेट के माध्यम से सेंटर सर्वर से जोड़ा जाएगा। इसमें फीड होने वाली जानकारी प्रधानाचार्य सहित शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के पास भी तुरंत पहुंच जाएगी। दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले स्कूलों में करीब 16 लाख बच्चे पढ़ते हैं।
टैब से बच्चों की उपस्थिति पर नज़र रखेगी सरकार
टैब के माध्यम से स्कूल से बंक मारने वाले बच्चों पर भी लगाम लगाई जाएगी। हर बच्चे को एक यूनिक नंबर दिया जाएगा। इस नंबर के आधार पर उसकी हाजरी लगेगी। टैब में दैनिक हाजरी के समय ही बच्चे के अभिभावक के मोबाइल पर मैसेज पहुंचेगा कि उनका बच्चा स्कूल पहुंच गया है। गत दिनों पीटीएम में यह बात सामने आई थी कि बच्चे घर से तो स्कूल के लिए निकलते हैं, लेकिन स्कूल नहीं पहुंचते हैं। टैब के ज़रिए सरकार बच्चों का दैनिक मूल्यांकन करेगी। एक अधिकारी ने बताया कि अभी अधिकतर शिक्षकों को पता ही नहीं होता कि बच्चे किस विषय में कमजोर हैं और कहां सुधार की गुंजाइश है। 2 सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम भी टैब के माध्यम से बच्चों को उपलब्ध कराया जाएगा।