दिल्ली सरकार का नया रिकार्ड
दिल्ली सरकार के व्यापार व कर विभाग ने इस साल वैट संग्रह करने का नया रिकॉर्ड बनाने का दावा किया है। जी हां सरकार का कहना है कि इस साल चालू वित्त वर्ष में 25 मार्च तक 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक का वैट संग्रह किया गया। अभी इस वित्तीय वर्ष में इसके और अधिक बढ़ने की उम्मीद है। बिक्री कर आयुक्त सज्जन सिंह यादव ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2015-16 में एक सप्ताह का समय बाकी है तथा इस अवधि के दौरान कर संग्रह और अधिक बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में इस वर्ष वैट संग्रह में अब तक 2,000 करोड़ रूपए का इजाफा हुआ है। यादव ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में वैट संग्रह में 11 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है। वर्तमान वित्त वर्ष में दिल्ली में वैट संग्रह वृद्धि दर देश में सबसे ज्यादा दर्ज की गई है।
इसके अर्न्तगत 52,627 नए पंजीकृत डीलरों को जोड़ कर वैट नेटवर्क में वृद्धि की गई। डेटा का विश्लेषण और कर बकाएदारों की पहचान के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया। केंद्र सरकार और सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स, वित्त मंत्रालय और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय सहित अन्य राज्य सरकारों के साथ डेटा साझा करने की व्यवस्था लागू की गई है।
उठाए गए थे सख्त कदम
वैट संग्रह में रिकॉर्ड वृद्धि व्यापार व कर विभाग द्वारा उठाए गए कई उपायों के कारण संभव हो पाई है। दिल्ली के प्रवेश द्वारों पर स्वचालित नंबर प्लेट रीडर कैमरों को लगा कर दिल्ली में माल के प्रवेश पर नजर रखी गई। एक एप्लीकेशन से अपलोड बिलों के माध्यम से 50 से अधिक डीलरों को पकड़ा गया है, जो रद्द / अमान्य पंजीकरण पर कारोबार कर रहे थे। करीब 100 डीलरों को रिकॉर्ड में हेर-फेर करने का दोषी पाया गया।
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