अब कोर्ट तय करेगा स्मृति की डिग्री की सच्चाई
जी हां अब कोर्ट तय करेगा कि स्मृति ईरानी की डिग्री में कितनी सच्चाई है। केन्द्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी के डिग्री विवाद पर मंगलवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट अपना फ़ैसला देने जा रही है। बता दें कि अप्रैल 2015 में स्मृति ईरानी के ख़िलाफ़ अहमद ख़ान नाम के व्यक्ति ने याचिका दायर की थी। अपनी याचिका में ख़ान ने कहा था कि ईरानी अपनी डिग्री से देश को गुमराह कर रही हैं।
खान का आरोप है कि ईरानी ने 2004 के लोकसभा चुनाव में दी सूचना में खुद को दिल्ली विश्वविद्यालय के पत्राचार से 1996 बैच का बीए स्नातक बताया है। तब स्मृति ने चांदनी चौक से कपिल सिब्बल के खिलाफ चुनाव लड़ा था। तब उन्होंने सूचना में खुद को बीए पास (कला स्नातक ) बताते हुए 1996 में डिग्री पूरी करने की बात की थी। इसके बाद 2011 में राज्यसभा में परचा भरते समय दिए उन्होंने खुद को दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ करसपांडेंट (पत्रचार) से बीकॉम बताया था। इतना ही नहीं पिछले (2014) लोकसभा चुनाव अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ते हुए दाखिल अपने तीसरे हलफनामे में ईरानी खुद को दिल्ली विश्वविद्यालय के पत्रचार से बी कॉम बताया है।
कोर्ट ने मांगे थे चुनाव आयोग से सर्टिफिकेट
मामला सामने आने पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने साक्ष्य अधिनियम की धारा 65(B) के चुनाव आयोग को आदेश दिया था कि वे स्मृति की डिग्री से जुड़े दस्तावेज कोर्ट को सौंपे। ताकि कोर्ट इलेक्ट्रॉनिक डाटा से ईरानी के सर्टिफिकेट का मिलान कर सके। बता दें कि चुनाव आयोग ने इस मामले से जुड़े ज़रूरी दस्तावेज कोर्ट को सौंप दिए है।