गंदगी के खिलाफ बने नफरत का माहौल-मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली में इंडिया सेनिटेशन कॉन्फ्रेंस में स्पीच दी। मोदी ने कहा कि गंदगी किसी को पसंद नहीं होती है फिर भी हम इससे दूरी क्यों नहीं बना पाते। स्वच्छता अभियान बहुत कम समय में अपनी जड़ों को जमाने में धीरे-धीरे सफल हो रहा है। आइए जानते है विज्ञान भवन में भारत स्वच्छता समारोह में क्या-क्या बोले पीएम मोदी..
-2 अक्टूबर को हम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाने जा रहे हैं।”स्वच्छ भारत अभियान ने बहुत कम समय में लोगों के बीच अपनी जड़ें जमाई हैं।
-गंदगी देखते ही हमारा मन अस्वस्थ हो जाना चाहिए पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान का सपॉर्ट करने के लिए मीडिया की तारीफ की। कहा, स्वच्छ भारत मिशन से लोगों में स्पर्धा का माहौल पैदा हुआ है।
-हम अपने घरों में तो सफाई रखते हैं लेकिन सार्वजनिक जगहों पर गंदगी फैलाने में पीछे नहीं रहते। जिस दिन हम यह समझ लेंगे कि देश भी हमारा है, सरकार भी हमारी है और सरकारी सम्पत्ति भी हमारी है, उस दिन चीजें बदल जाएंगी ।
-अगर हम देशवासी तय कर लें कि गंदगी नहीं करनी है तो बिना बजट के भी स्वच्छता कायम हो जाएगी। गंदगी का समाधान है कि हम स्वच्छता को स्वभाव बना लें।
-जब भारत गुलाम था तो गांधी जी ने सत्याग्रह किया। आज के वक्त में हमें ’स्वच्छाग्रहियों’ की जरूरत है जो हमें गंदगी से आजाद करा सकें स्वच्छता मिशन में रोजगार की संभावनाएं छिपी हुई हैं। हमें वेस्ट को वेल्थ में बदलने की जरूरत है।
-हम गंदगी को वेस्ट नहीं वेल्थ मानकर ट्रीट करें, सफाई अपने-आप हो जाएगी भारतीय कल्चर ’यूज ऐंड थ्रो’ वाला है ही नहीं। चीजें रीसाइकल करना हमारे स्वभाव में है। इसे बस थोड़ा वैज्ञानिक बनाने की जरूरत है।
-प्रधानमंत्री मोदी ने विज्ञान भवन में अपने भाषण मेंम स्टार्ट अप इंडिया और उज्ज्वला योजना का भी जिक्र किया। भारत स्वच्छता सम्मेलनः पीएम मोदी ने कहा, हम तीर्थस्थानों में आने वाले लोगों को गंदगी का महत्व समझा सकते हैं।
-“एक बार आंगनवाड़ी में गया, उस गरीब बहन ने पुरानी साड़ी के छोटे-छोटे रुमाल बनाए। बच्चों को सिखाती थी कि इसमें हाथ और नाक पोंछे। क्या देश के किसी नेता ने ऐसा काम किया। देश आजाद हुआ लेकिन कभी संसद में चर्चा हुई। ऐसा ना समझे कि मोदी आया तो गंदगी बढ़ गई।
-मैं राज्य सरकारों से आग्रह करता हूं कि आप स्वच्छता की स्पर्धा आयोजित कीजिए। मुझे यकीन है कि नए-नए विचारों के साथ और आधुनिक विचारों के साथ हम स्वच्छता के रास्ते पर आगे बढ़ेंगे।