मैक्सिको द्वारा दुनिया का पहला डेंगू रोधी टीका बाजार में उतारे जाने से डेंगू एक बार फिर चर्चाओं में है। डेंगू दुनिया भर में पाया जाने वाला एक खतरनाक वायरल रोग है जो कि संक्रमित मादा एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। अकेला एक संक्रमित मच्छर ही कई लोगों को डेंगू रोग से ग्रसित कर सकता है। सबसे पहले 1950 के दशक में फिलीपींस और थाईलैंड में डेंगू संक्रमण दर्ज किया गया, अब भारत सहित कई एशियाई और लैटिन अमेरिकी देशों में डेंगू के मामले दर्ज किए जा रह हैं।
डेंगू के लक्षण
- तेज बुखार
- मांस पेशियों एवं जोड़ों में तेज दर्द
- सर दर्द
- आंखों के पीछे दर्द
- जी मिचलाना
- उल्टी-दस्त
- त्वचा पर लाल रंग के दाने
- इसके अलावा मरीज की स्थिति गंभीर होने पर प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से कम होते हुए नाक, कान, मुंह या अन्य अंगों से रक्त स्त्राव शुरु हो जाता है, रक्त चाप काफी कम हो जाता है। यदि समय पर उचित चिकित्सा न मिले तो रोगी कोमा में चला जाता है।
ऐसे बचें डेंगू से
- घर में और घर के आसपास पानी इकट्ठा न होने दें, साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
- यदि घर में बर्तनों आदि में पानी भर कर रखना है तो ढककर रखें। यदि जरुरत न हो तो बर्तन खाली कर के या उसे उल्टा करके रख दें।
- कूलर, गमले आदि का पानी रोज बदलते रहें। यदि पानी की जरुरत न हो तो कूलर आदि को खाली करके सुखाएं।
- ऐसे कपड़े पहनें जो शरीर के अधिकतम हिस्से को ढक सकें।
- मच्छर रोधी क्रीम, स्प्रे, लिक्विड, इलेक्ट्रॉनिक बैट आदि का प्रयोग मच्छरों से बचने के लिए करें।
डेंगू से निपटने के घरेलू नुस्खे
गिलोय – गिलोय का आयुर्वेद में बहुत महत्व है। यह मेटाबॉलिक रेट बढ़ाने, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखने ओर बॉडी को इंफेक्शन से बचाने में मदद करती है। इनके तनों को उबालकर हर्बल ड्रिंक की तरह सर्व किया जा सकता है। इसमें तुलसी के पत्ते भी डाले जा सकते हैं।
पीपल के पत्ते – ये प्लेटलेट्स की गिनती बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही बॉडी में दर्द, कमजोरी महसूस होना, उबकाई आना, थकान महसूस होना आदि जैसे बुखार के लक्षणों को कम करने में सहायक है। आप इसकी पत्तियों को कूट कर खा सकते हैं या फिर इन्हें ड्रिंक की तरह भी पिया जा सकता है जो कि बॉडी से टॉक्सिन बाहर निकालने में मदद करते हैं।
मैथी के पत्ते – यह बुखार को कम करने में सहायक हैं। यह पीड़ित का दर्द दूर कर उसे आसानी से नींद में मदद करती हैं। इसकी पत्तियों को पानी में भिगोकर उसके पानी को पिया जा सकता है। इसके अलावा मैथी पाउडर को भी पानी में मिलाकर पी सकते हैं।
गोल्डनसील – यह नार्थ अमेरिका में पाई जाने वाली एक हर्ब है, जिसे दवाइ्र बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस हर्ब में डेंगू बुखार को तेजी से खत्म कर शरीर में से डेंगू के वायरस को खत्म करने की क्षमता होती है। यह पपीते की पत्तियों की तरह ही काम करती हैं और उन्हीं की तरह इन्हें भी यूज किया जा सकता है। इन्हें कूट के सीधे चबाकर या फिर जूस पीकर लाभ उठाया जा सकता है।
हल्दी – यह मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए इस्तेमाल की जाती है। यही नहीं, घाव को जल्दी ठीक करने में भी मददगार साबित होती है। हल्दी को दूध में मिलाकर पिया भी जा सकता है।
तुलसी के पत्ते और काली मिर्च – तुलसी के पत्तों और दो ग्राम काली मिर्च को पानी में उबालकर पीना सेहत के लिए अच्छा रहता है। यह ड्रिंक आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती है और एंटी-बैक्टीरियल तत्व के रुप में कार्य करती है।
मैक्सिको ने बनाया पहला डेंगू रोधी टीका
मैक्सिको ने दुनिया का पहला डेंगू रोधी टीका बाजार में उतार दिया है। यह टीका सामान्य डेंगू के खिलाफ 60.5 प्रतिशत और गंभीर लक्षणों वाले डेंगू के खिलाफ 93.2 प्रतिशत तक प्रभावी है। मैक्सिको के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी बयान में कहा गया है कि यह दुनिया का पहला मान्यता प्राप्त डेगू रोधी टीका है।