दिल्ली में लॉन्च हुआ धड़कन एप
हृदय की बीमारियां मौत का बड़ा कारण बन रही हैं। हृदय काम करना कम या बंद कर दे तो ऐसी स्थिति में इलाज के सीमित विकल्प रह जाते हैं और मरीजों की जिंदगी खतरे में पड़ जाती है। एम्स के डॉक्टरों ने हार्ट फेल्योर के मरीजों को जीवन देने के लिए धड़कन नामक मोबाइल एप तैयार कराया है। यह एप मरीजों को हृदय के खतरों से सतर्क रखेगा। इस एप से मरीज के अलावा एम्स की नर्स भी जुड़ी रहेंगी। एप के ज़रिये मरीज द्वारा अपने बारे में जरूरी जानकारी दर्ज कराते ही नर्स को उक्त मरीज के स्वास्थ्य के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी। इससे नर्स यह भी समझ जाएंगी कि मरीज के जीवन को खतरा है या नहीं। डॉक्टर इसका ट्रायल करा रहे हैं। इस एप को इस तरह डिजाइन किया गया है कि मरीज घर बैठे अपने स्वास्थ्य की जानकारी नर्स व डॉक्टर तक पहुंचा सकेंगे। मरीजों को बार-बार अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ऐप से मरीज में गंभीर लक्षणों की सूचना मिलने पर नर्स खुद उसे फोन करके अस्पताल में इलाज के लिए बुला लेंगी।
एम्स के कार्डियक सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. बलराम ऐरन ने कहा कि हृदय की बीमारियों व हृदयाघात का बड़ा कारण हार्ट फेल्योर है। करीब एक करोड़ लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. संदीप सेठ ने कहा कि मरीजों को इलाज के बावजूद शारीरिक परेशानियां होती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए यह ऐप विकसित कराया गया है। मरीज को मोबाइल पर यह ऐप डाउनलोड कर एक बार अपना नाम व एम्स द्वारा जारी विशेष नंबर दर्ज करना पड़ेगा। इसके बाद हर सप्ताह मरीज को अपना बीपी (ब्लड प्रेशर), हृदय गति व वजन दर्ज कराना पड़ेगा। ये दर्ज करते ही इसकी सूचना एम्स की नर्स को मिल जाएगी। इसके आधार पर पता चल जाएगा कि मरीज की सेहत कैसी है। जरूरत पड़ने पर मरीज को आवश्यक सलाह दी जा सकेगी। यदि किसी सप्ताह में मरीज सेहत की सूचना दर्ज नहीं करते हैं तो नर्स उन्हें फोन करके याद दिलाएंगी।
एम्स शुरू करेगा हेल्पलाइन नंबर
दिल के मरीजों की मदद के लिए एम्स जल्द ही एक हेल्पलाइन नंबर भी शुरू करेगा। जिस पर फोन कर मरीज सलाह ले सकेंगे। इसके लिए एम्स के डॉक्टरों ने चार नर्सों को प्रशिक्षित किया है।