Friday, August 25th, 2017
Flash

धर्म या प्रपंच सोचिए




Spiritual

dharm ya parapanch (1)

हाल ही में दो अलग – अलग विचार पढ़ने को मिले । राहुल सांकृत्यायन जी का लेख पढ़ा जो धर्म पर कटाक्ष था । दूसरी तरफ चीफ़ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर का बयान जिसमें उन्होंने राजनैतिक दलों को ज़वाबदेह बनाने की बात कही । उनके मुताबिक़ ज़्यादातर चुनावी वादे जुमले बनकर रह जाते है। वैसे तो धर्म और राजनीति अलग -अलग विषय हैं लेकिन दुनिया भर के नेताओं ने इसका जबर्दस्त घालमेल कर दिया है। आज धर्म और राजनीति एक दूसरे के पूरक नज़र आ रहे हैं। भारत में आजकल ये अपने नये जागरण काल की ओर बढ़ रहा है।

इंसान की ज़िंदगी में धर्म और राजनीति कितना दख़ल रखते हैं । इसकी मिसाल हम दुनियाभर में देख सकते है। दुनियाभर में धर्म के नाम पर होने वाली मारकाट पर एक नज़र डालें तो पता चलता है कि ये धर्म अब किस क़दर दुनिया के लिए ख़तरा बनता जा रहा है। पड़ोसी देश पाकिस्तान में ही हिंदू , शिया और बलोच लोगों पर ज़ुल्म ढाये जा रहे हैं। इससे पहले बांग्ला मुस्लिमों पर पाकिस्तानी सेना ने जमकर अत्याचार किया था। हमारा दूसरा पड़ोसी म्यांमार जहाँ के लोग बौध्द धर्म को मानते हैं। बौध्द धर्म जिसको अहिंसा का अगुआ धर्म माना जाता है। उसी धर्म के अनुयायी म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिमों की जान के दुश्मन बने बैठे हैं और दुनिया उनकी मौत का तमाशा चुपचाप देख रही है। आंग- सान सूकी जैसे लोग भी अपने देश में हो रहे इस अत्याचार के खिलाफ़ आवाज़ उठाने से डरते हैं।

सीरीया में आईएस आईएस मुस्लिम कट्टरपंथ के नाम पर बेगुनाहों का ख़ून बहा रहा है। दुनिया भर के कई मुस्लिम देश शिया – सुन्नी के नाम पर आईएस आईएस की मदद भी कर रहे है। लोकतंत्र के लिए शुरु हुई लड़ाई पहले ग्रहयुध्द बनी ,फिर धर्म युध्द बन गई और अब पता ही नहीं चल रहा है कि कौन किससे लड़ रहा है। लाखों बेगुनाह लोग मारे जा रहे हैं जिनको बचाने वाला कोई नहीं। रुस और अमेरिका वहाँ नूरा कुश्ती का खेल जमकर खेल रहे हैं। धर्म और उसके प्रतीकों को लेकर लोग एक दूसरे की जान लेने को आमादा हैं।    

कल तक हम लोग पाकिस्तान को धर्मांधता के लिए कटघरे मे खड़ा करते थे लेकिन आज हालात बदल रहे हैं । भारत पर नज़र दौड़ायें तो यहाँ अब धर्म के नाम पर पागलपन बढ़ता जा रहा है। जिस तरह की धार्मिक विविधता भारत में देखने को मिलती है वैसी दुनिया में कहीं नहीं है । यही वजह है कि यहाँ धर्म के नाम पर रोटियाँ सेकना और ज़्यादा आसान हो गया है। भारत में राजनीतिक दल गाय , मंदिर, मस्जिद और राम के नाम पर वोट मांग रहे हैं औऱ जीत भी रहे हैं। यानि धर्म के नाम पर राजनीति खूब चल निकली है। अगले पेज पर पढ़े..    धर्म ने इस पूरी दुनिया में उथल – पुथल मचा रखी है

Sponsored



Follow Us

Yop Polls

तीन तलाक से सबसे ज़्यादा फायदा किसको?

Young Blogger

Dont miss

Loading…

Subscribe

यूथ से जुड़ी इंट्रेस्टिंग ख़बरें पाने के लिए सब्सक्राइब करें

Subscribe

Categories