आपने दुनिया में एसिड की बारिश, मछलियों की बारिश और पानी की बारिश के बारे में सुना होगा और देखा भी होगा लेकिन कैसा हो कि आपकी दुनिया में हीरों की बारिश होने लगे। आप रातों-रात करोड़पति बन जाओ। वैसे ऐसा हमारी अर्थ यानि पृथ्वी पर तो संभव नहीं हैं लेकिन इस दुनिया से बाहर भी एक दुनिया है जिसे हम ब्रहमांड कहते हैं।
ब्रहमांड हमेशा से ही नई-नई जानकारियों का खजाना रहा है। उसी खजाने में से हम आपके लिए एक महत्वपूर्ण व रोचक जानकारी निकाल कर लाए हैं। महिलाओं के मुंह से आपने गहनों की बात तो हमेशा ही सुनी होगी। उन्हें कभी सोने के तो कभी हीरे-मोती जड़े हीरे चाहिए होते हैं। सोने चांदी की बारिश तो आपने कहीं नहीं देखी होगी लेकिन हम आपको अब हीरों की बारिश के बारे में बताने जा रहे हैं।
हाल ही में एक नई रिसर्च सामने आई है जो ये कहती है कि सोलर सिस्टम में दो ऐसे ग्रह हैं जिन पर हीरों की बारिश होती है। ये ग्रह नैप्च्यून और यूरेनसा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इन दोनों ग्रहों के अंदरूनी भाग में प्रेशर बहुत ज़्यादा होता है, जिसकी वजह से हाहड्रोजन और कार्बन के बॉन्ड टूट जाते हैं और यही हीरों की बरसात का प्रमुख कारण हैं।
नेप्च्यून और यूरेनस धरती से क्रमशः 17 और 15 गुणा भारी है। विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले हजारों सालों से ये डायमंड्स धीरे-धीरे इन ग्रहों की बर्फीली सतह पर जमा हुए जा रहे थे। वैज्ञानिकों के अनुसार इन डायमंड का अगर वजन किया जाए तो ये मिलियन कैरेट्स तक भी पहुंच सकते हैं। गौरतलब है कि मशहूर ग्रेट स्टार ऑफ अफ्रीका रत्न का वजन केवल 530.4 कैरेट है।
इन दोनों ग्रहों की संरचना पृथ्वी से काफी अलग है। इन ग्रहों पर हाइड्रोजन और हीलियम जैसी गैसों का दबदबा है। इनका कोर बर्फ की मोटी चादरों से ढका हुआ है और ये बर्फ पानी और अमोनिया जैसे हाइड्रोकार्बन्स से बनी है। वैज्ञानिकों का मानना था कि इन ग्रहों के भीतनी भाग यानि जमीन से लगभग 6200 मील अंदर प्रेशर बहुत ज़्यादा होता है, जिसकी वजह से डायमंड्स की बारिश होती है और हाल ही में एक प्रयोग ने इन ग्रहों पर डायमंड की बारिश होने की पुष्टि भी है।