नई दिल्ली। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता (अम्मा) की बीते रविवार शाम को कार्डिएक अरेस्ट की खबर आई थी। जिसके बाद डॉक्टरों की टीम ने उन्हें बचाने की हर संभव कोशिश की। आखिरकार सोमवार रात 11.30 बजे उनका निधन हो गया था। लेकिन पार्टी के नेताओं ने रविवार को ही जया के अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू कर दी थीं। जया के देहांत के बाद पूरा प्रदेश गहरे शोक में डूबा हुआ है। गौरतलब है कि तमिलनाडु में जयललिता को उनके समर्थक भगवान की तरह पूजते हैं।
पहले हो गई थी अंतिम संस्कार की तैयारियां
खबरों के अनुसार सरकार के सूत्रों ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि मंगलवार को जिस ताबूत में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता को दफनाया गया था असल में AIADMK ने रविवार को ही उसका ऑर्डर दे दिया था। इतना ही नहीं उसके कुछ देर बाद ही राजाजी हॉल को साफ-सुथरा करने के आदेश दिए गए थे। चेन्नै के राजाजी हॉल में ही जयललिता को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था।
सूत्रों के मुताबिक रविवार शाम 7 बजे के आस-पास तमिलनाडु सरकार के चार मंत्री ओ पनीरसेल्वम, डी जयकुमार, पी बेंजामिन और के पंड्याराजन को जया की गंभीर स्थिति की जानकारी दे दी गई थी। ये चार मंत्री ही उस वक्त अस्पताल में मौजूद थे। बाकी मंत्रियों को बाद में जानकारी दी गई। जया की करीबी शशिकला उस वक्त बात करने की हालत में नहीं थीं। एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया, ‘जया की हालत बेहद नाजुक बनी हुई थी। जिस डिवाइस पर जया को रखा गया था, उससे वह कुछ देर तक ही जिंदा रह पाईं थीं।’