जींस तो आप हर रोज पहनते होंगे, लेकिन क्या पता है इसकी हिस्ट्री
आप हर रोज जींस तो पहनते ही होंगे। जाहिर है ये एक कंफर्टेबल और एनीटाइम पहनने वाला आउटफिट है। अक्सर लोग इसे इलिए पसंद करते हैं क्योंकि पहनने में तो आरामदायक है ही साथ ही इसे सहेजना काफी आसान है, यानि की इसे ज्यादा केयर की जरूरत नहीं है। लेकिन समय के साथ जींस का फैशन भी बदला। जींस जैसे पहले पहने जाते थे, अब वह तरीका बिल्कुल बदल गया है। आज डेनिम की डिमांड है। पर क्या आपको पता है कि डेनिम शब्द आखिर आया कहां से। इसके पीछे भी एक इतिहास है।
jeans को jeans ही क्यों कहते हैं-
दरअसल, ये माना जाता है कि फ्रांस में 19वीं शताटब्दी में एक कपड़े के रूप में डेनिम का उद्भव हुआ था। डेनिम पहली बार Nimes नाम के एक शहर में बनाई गई थी। वहां फ्रांसिसी कपड़े का उल्लेख सर्ज के रूप में करते हैं इसलिए इसे der nimes नाम दिया गया था। जब शब्द लोगों द्वारा बोला जाने लगा तब फैब्रिक का नाम di nimes पड़ गया। और फिर देखते ही देखते येdenim के नाम से मशहूर हो गया। ये तो थी डेनिम की कहानी लेकिन जींस का भी एक इतिहास है। डेनिम यूरोप में काफी पॉपुलर हो गए थे। ये फेब्रिक जिनोवा के जेलर्स द्वारा काफी पसंद किया जाने लगा था। वे फ्रांस का दौरा सिर्फ इस कपड़े के लिए ही करते थे। उन्होंने डेनिम के ट्राउजर्स बनवाना शुरू कर दिए। क्योंकि ये जिनोवा के जेलर्स की देन थी, इसलिए जिनोवा और डर निम्स का ये कांबिनेश्यान जींस के रूप में पॉपुलर हो गया।
जींस में क्यों होती है ये छोटी पॉकेट-
कई बार आप जरूर सोचते होंगे कि जींस में ये छोटी सी पॉकेट क्यों होती है। शायद सिक्के रखने के लिए या फिर कोई छोटी सी चीज रखने के लिए। लेकिन ये सोचना सही नहीं है। जींस मैन्यूफैक्चर करने वाली सबे पुरानी कंपनी levis ने बताया है कि ये छोटी सी पॉकेट्स असल में घड़ी रखने के लिए बनाई गई थीं। सबसे पहले इसका इस्तेमाल 1879 में हुआ था। घड़ी अपनी जगह पर बनी रहे इसलिए ये पॉकेट्स डिजाइन किए गए थे।
क्यों होते हैं ये बटन-
अगर आप ये सोचते हैं कि जींस में साइड में लगे मेटल के बटन केवल शो के लिए होते हैं, तो आप गलत हैं। पहले के जमाने में जींस केवल मजदूर और फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर पहनते थे। उठते-बैठते समय उनकी जेब से कई बर सामान गिर जाता था, इसका समाधान ढूंढने के लिए अमेरिका के एक दर्जी याकूब डेविस ने एक तरीका निकाला। उन्होंने इस मेटल के बटन के जरिए जेब के दोनों सिरों को सिल दिया ताकि सामान जेब के अंदर ही टिका रहे। हालांकि बाद में इसे जींस की सुंदरता से भी जोड़ा गया।
कभी सोचा है ब्लू ही क्यों होती है जींस-
कभी सोचा है कि ज्यादातर जींस का कलर ब्लू ही क्यों होता है। कभी अन्य रंग की जींस ढूंढने भी निकलें तो ब्लू के ही कई सारे शेड्स मिल जाएंगे। दरअसल, होता क्या था कि पुराने समय में जींस मजदूर ही पहनते थे। क्योंकि वे कई घंटों काम करते थे, जिससे उनके ड्रेस के गंदे होने की संभावना ज्यादा रहती थी। इसलिए ब्लू जींस उनका ड्रेस कोड बना दिया गया था। ब्लू कलर इसलिए रखा गया क्योंकि इस पर गंदगी या किसी दाग का निशान आसानी से नजर नहीं आ सकता था। और तभी से जींस के लिए ब्लू कलर एक टैग की तरह बन गया।
जिप पर लिखे “YKK” का मतलब है ये-
आपने अपनी जींस की जिप पर अक्सर“YKK”लिखा देखा होगा। आपको पता है कि इसका क्या मतलब है। ये यूं ही नहीं लिखा बल्कि वायकेके का मतलब है “Yoshida Kogyo Kabushikikaisha” यानि की “Yoshida Company Limited” । 1934 में तदाओ योशिदा द्वारा कंपनी की शुरूआत की गई थी और आज भी ये जींस के लिए जिप मैन्यूफैक्चरिंग करती है। आपको बता दें कि दुनिया में अधिकांश जींस आज भी इसी जिप के साथ आती हैं।
- - Advertisement - -