हाल ही में दुबई में लैंडिंग के दौरान अमीरात एयरलाइन्स का एक प्लेन क्रेश हो गया जिसमें यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया गया। हालांकि ये बहुत बड़ा हादसा हो सकता था लेकिन पायलेट और टीम की समझदारी के कारण इस बड़े हादसे को टाल दिया गया और लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया। अब आप सबके मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर प्लेन क्रेश कैसे हो जाते है आखिर ऐसा क्या होता है कि प्लेन क्रेश हो जाता है तो हम आपको बताने वाले है कि प्लेन क्रेश कैसे होता है।
1. पायलेट एरर
किसी भी एयरोप्लेन के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदारी होती है पायलेट की क्योंकि वही उसे उड़ात हैं लेकिन पायलेट और मैनेजमेंट टीम इसमें दोनो ही शामिल होते है। मैनेजमेंट टीम से मिलने वाले सिग्नल्स और ऑर्डर पर ही पायलेट प्लेन उड़ाता है। अगर मैनेजमेंट और पायलेट के बीच कोई भी एरर हो जाती है और दोनो में कनेक्शन नहीं बन पाता तो यही क्रेश का कारण बन जाता है।
2. मशीनी खराबी
कभी-कभी पायलेट अपनी सूझबूझ से बहुत से हादसे टाल देता है। कई बार प्लेन में मशीनी खराबी आ जाती है कॉकपिट में या प्लेन के इंजन में खराबी आने से भी प्लेन क्रेश हो जाता है। अगर ये खराबी रनवे पर आती है तो कई बार पायलेट इन हादसों को टाल देता है।
3. मौसम में खराबी
कई बार प्लेन क्रेश के लिए मौसम भी जिम्मेदार होता है। खराब मौसम के कारण पायलेट रास्ता भटक जाते है और मैनेजमेंट टीम से अपना संपर्क नहीं बना पाते है। खराब मौसम के कारण प्लेन में खराबी भी आ सकती है। यहीं कारण है कि खराब मौसम में प्लेन क्रेश हो सकता है।
4. ट्रेफिक कंट्रोल
कई बार आपने सुना होगा कि पायलेट अपना रास्ता भटक जाते है और राडार से दूर चले जाते है। एयर ट्रेफिक कंट्रोल की गलतियों के कारण कई बार ऐसा हो जाता है कि पायलेट अपना रास्ता भटक जाते है और प्लेन में खराबी आ जाने पर उनका प्लेन क्रेश हो जाता है।
5. प्लेन क्रेश होने के और भी कई कारण है जैसे इंजीनियरिंग मेन्टेनेंस, डिस्पैचर, लोडर, फ्यूल, आदि में समस्या आने पर प्लेन कई बार क्रेश हो जाते है।