ट्रंप ने बैन की सात मुस्लिम देशों की एंट्री, ये है वजह
- - Advertisement - -
एक न्यूज़ चैनल पर एक इंटरव्यू में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि ‘‘9/11 के हमले के दौरान वे वर्ल्ड ट्रेड सेंटर मे ही थे और मौत को काफी पास से महसूस किया था।’’ अब शायद इसी का असर दिख रहा है कि ट्रंप अमेरिका से आतंकवाद को जड़ से खत्म करना चाहते है। राष्ट्रपति बनने से पहले ही ट्रंप ने आतंकवाद को लेकर काफी तगड़ी नीति अपनाने के लिए कहा था।
ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद अमेरिका फर्स्ट की नीति को अपनाया जिससे वहां के लोगों को ज़्यादा से ज़्यादा रोजगार मिले। साथ ही एक और फैसला लिया है जिससे सात मुस्लिम देशों की अमेरिका में नो एंट्री हो गई है। ट्रंप ने शरणार्थियों के आगमन को निलंबित करने और सात मुस्लिम देशों से आने वाले नागरिकों के लिए कड़े नियम वाले एक कार्यकारी आदेश पर शुक्रवार को साइन किए है।
ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ये वादे किए थे। आदेश पर हस्ताक्षर के बाद ट्रंप ने कहा कि वह ’कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवादियों’ से अमेरिका को सुरक्षित कर रहे हैं। इस आदेश के तहत 7 मुस्लिम देशों ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन के नागिरकों पर वीजा पाबंदियां लगा दी गई हैं।
ट्रंप ने आदेश के बाद पेंटागन में कहा, ’यह बड़ा कदम है। अमेरिका में विदेशी आतंकियों को घुसने से रोकने के लिए ऐसा किया गया है। मैं कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवादियों को अमेरिका में घुसने से रोकना चाहता हूं। हम केवल उन्हें ही अपने देश में प्रवेश देना चाहते हैं जो हमारे देश का समर्थन करे और हमारे लोगों को प्यार करे।’ बता दें कि ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान और राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद कट्टरपंथी आतंकवादियों के खात्मे का संकल्प लिया था। उन्होंने कहा था कि ब्प्। ऐसा करने के लिए योजना बनाएगी। इस आदेश के बाद 7 मुस्लिम देशों के नागरिकों को 90 दिनों तक वीजा जारी नहीं किए जाएंगे।
ट्रंप के इस आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद, नए जांच नियम लागू होने तक अमेरिका में कम से कम 120 दिनों तक शरणार्थियों का आगमन और पुनर्वास निलंबित हो जाएगा। नए नियम में इस बात की पुख्ता व्यवस्था करने की कोशिश की जाएगी कि जिसे शरणार्थी का दर्जा दिया गया है वे अमेरिका की सुरक्षा के लिए कोई खतरा पैदा नहीं करें। ट्रंप के आदेश के बाद सीरिया से आने वाले शरणार्थियों पर अमेरिका में प्रवेश पर अनिश्चितकालीन रोक लग गई है।
इस आदेश का कई नागिरक अधिकार संगठनों और आतंकवाद निरोधी विशेषज्ञों ने विरोध किया है। इन्होंने इस फैसले अमानवीय बताया है। अमेरिकी सिविल लिबर्टीज यूनियन के कार्यकारी निदेश एंथनी रोमिरो ने कहा, ’यह आदेश मुस्लिमों के खिलाफ भेदभाव को दर्शाने वाला है।’ नोबल शांति पुरस्कार विजेता पाकिस्तानी कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई ने इसे ’दिल तोड़ने’ वाला बताया।
- - Advertisement - -