हिंदुस्तान में आज वो दौर है जब हिंदुस्तान के हर इंसान के पास मोबाइल है। अब मोबाइल है तो मोबाइल से संबंधित कई सारी समस्याएं भी है जिन्हें सुलझाने के लिए आजकल साइबर सेल का सहारा लिया जाता है। मोबाइल से कई लोग कई तरह की छेड़खानियां करते हैं। कोई लड़कियों को छेड़ता है तो कोई मोबाइल को ही छेड़ देता है।
अभी लड़कियों से छेड़खानी करने वालों पर तो पुलिस लगाम कस रही हैं लेकिन अब मोबाइल से छेड़खानी करने वालों पर भी लगाम कसी जाएगी। अब आप सोच रहे होंगे कि मोबाइल से किस तरीके की छेड़छाड़ संभव है। तो आपको बता दें कि कई सारे लोग मोबाइल के आईएमईआई नंबर से छेड़छाड़ करते हैं जिन पर अब कार्रवाई की जाएगी।
आने वाले दिनों में मोबाइल फोन के आईएमईआई नंबर से छेड़छाड़ करने पर जेल की हवा खनी पड़ सकती है। 15 अंकों का आईएमईआई नंबर ही मोबाइल की पहचान होती है। टेलीकॉम विभाग एक ऐसा कानून बनाने जा रहा है जिसके तहत अगर कोई व्यक्ति मोबाइल फोन के आईएमईआई नंबर से छेड़छाड़ करता है तो उसे तीन साल की जेल हो सकती है। टेलीकॉम विभाग के इस कदम से गलत आईएमईआई नंबर से जुड़े मामले पर अंकुश लगेगा और मोबाइल फोन की ट्रैकिंग भी आसान हो जाएगी।
एक सरकारी अधिकारी के अनुसार डुप्लीकेट आईएमईआई नंबरों के कारण मोबाइल फोन को ट्रैक करना काफी मुश्किल होता है। टेलीकॉम विभाग इंडियन टेलीग्राफ एक्ट के अंर्तगत ऐसा कानून बनाने जा रहा है जिससे आईएमईआई नंबर से छेड़छाड़ करना अपराध माना जाएगा। छेड़छाड़ करने पर अपराधी को तीन साल तक जेल की सजा भी हो सकती है।
टेलीकॉम विभाग ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स को सख्त निर्देश दिए हैं कि वह किसी भी गलत आईएमईआई नंबर वाले मोबाइल नंबर को अपनी सेवाएं न दें लेकिन टेलीकॉम ऑपरेटर्स के लिए गलत आईएमईआई नंबर को पहचानना काफी मुश्किल है। मोबाइल फोन की ट्रैकिंग मामलों में टेलीकॉम एनफोर्समेंट रिसोर्स एंड मॉनीटरिंग सेल ने पाया है कि 18,000 हैंडसेट ऐसे हैं जिनके आईएमईआई नंबर गलत हैं।