पुराने तिरंगे को फेंककर न करें अपमान, इस तरह करे निस्तारण
15 अगस्त या 26 जनवरी के दिन के बाद तो सभी अपने हाथ में, ड्रेस पर तिरंगे को लगाते हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दूसरे ही दिन हमारा तिरंगा जमीन पर, किसी कूड़े करकट में या फिर सड़क पर हमारे पैरों में आता है। बहुत कम लोग ही ऐसे होते है जो इन तिरंगो को उठाने की जहमत करते है। यदि आपके साथ भी कभी ऐसा वाक्या हुआ है तो आपको ये जानने की जरूरत है कि कटे-फटे तिरंगे का समापन न करने से आप अपने ही तिरंगे का अपमान कर रहें है।
फ्लैग कोड ऑफ इंडिया के पार्ट 2 सेक्शन 1-2.2 (Xiii) में कहा गया है कि ”अगर झंडा फटी-पुरानी अवस्था में है, तो किसी निजी जगह पर इसका निस्तांतरण कर देना चाहिए। निस्तांतरण के लिए तिरंगे की मर्यादा का ध्यान रखते हुए दफनाने या फिर किसी और तरीके को अपनाया जा सकता है।”
इस तरह करे तिरंगे का निस्तांतरण
यदि तिरंगा कटी-फटी अवस्था में है तो उसे जलाना ज्यादा सही होता है। आप चाहे तो झंडे को दफना भी सकते है लेकिन आजकल प्लास्टिक के झंडे आ जाने से ये मिट्टी में दफन नहीं होते है और मिट्टी ऊपर आने पर ये भी ऊपर आने लगते है। आपको बता दें कि केवल कटे-फटे तिरंगे को ही जलाया जा सकता है। सही सलामत तिरंगे को जलाना तिरंगे का अपमान है।