161 देशों के लिए ई-वीज़ा से टूरिज़्म इंडस्ट्री में एम्प्लॉयमेंट बूम
कॉमर्स व इंडस्ट्री मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि भारत ने एक अप्रैल से उदार वीजा प्रणाली का कार्यान्वयन शुरू कर दिया है।
सरकार के इस कदम से पर्यटन व सेवा कारोबार को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है। मंत्री ने ट्वीटर पर अनेक ट्वीट्स में लिखा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 30 नवंबर को उदार वीजा प्रणाली के लिए अनेक कदमों को मंजूरी दी थी जिनका क्रियान्वयन 1 अप्रैल 2017 से चालू हो गया है।
इसके तहत ई वीजा सुविधा को अब 161 देशों के नागरिकों के लिए कर दिया गया है और यह सुविधा 24 हवाई अड्डों पर उपलब्ध होगी। यह सुविधा कोच्चि, गोवा व मंगलौर समुद्री बंदरगाह पर भी दी जा रही है। निर्मला ने कहा है कि जल्द ही यह सुविधा मुंबई व चेन्नई समुद्री बंदरगाह पर भी उपलब्ध होगी।
देश में व्यापार को बढ़ावा देने और ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सरकार ने यह नई उदार वीजा नीति को मंजूरी ३० नवंबर को ही दे दी थी. इसमें पर्यटन, कारोबार, स्वास्थ्य एवं सम्मेलन जैसे वीजा को मिलाकर बनाया गया बहुउद्देशीय प्रवेश समग्र वीजा भी शामिल है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ई-पर्यटक वीजा की सुविधा आठ और देशों को देने का निर्णय किया गया था. कुल158 देशों को यह सुविधा मिलना थी, जिसमें इस दरम्यान 3 और देशों को शामिलकर लिया गया, जिसके बाद यह संख्या बढ़कर 161 हो गई है.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में मौजूदा वीजा व्यवस्था के उदारीकरण, सरलीकरण को अनुमति दी थी. इससे वीजा नीति में व्यापक बदलाव आएंगे। इन बदलावों का फैसला विदेश मंत्रालय ने विभिन्न हितधारकों के साथ चर्चा के बाद किया था.
भारत में पर्यटन से रोजगार के अवसर कैसे
रोजगार के अवसर पैदा करने, गरीबी दूर करने और मानव विकास के एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में पर्यटन उभरा है। रोजगार के अवसर जुटाने में इसका योगदान बहुत ज्यादा है। प्रति वर्ष करोड़ों भारतीय बेरोजगारों को इससे प्रत्यक्ष लाभ हुआ है। पर्यटन से राष्ट्रीय एकता और अंतराष्ट्रीय सद्भाव को भी बढ़ावा मिलता है तथा स्थानीय हस्तशिल्प और सांस्कृतिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहन मिलता है।
पिछले चार दशकों में देश में पर्यटन में भारी वृद्धि हुई है। विश्व पर्यटन में भारत का हिस्सा 1 प्रतिशत प्रतिवर्ष होने को आतुर था I जिससे प्रतिवर्ष हजारो करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा अर्जित की जा सके।
सामाजिक और सांस्कृतिक लगाव और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के राष्ट्रीय लक्ष्य तक पहुंचने में घरेलू पर्यटन की महत्वपूर्ण भूमिका है। रोजगार सृजन के क्षेत्र में भी इसका काफी योगदान है। पिछले कुछ वर्षों में लोगों की आय बढ़ने और मध्यम वर्ग के एक शक्ति के रूप में उभरने के साथ ही घरेलू पर्यटन में वृद्धि के लिए अच्छी संभावनाएं पैदा हुई हैं।
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