कान का मैल बड़ा फ़ायदेमंद है जानिए ,कैसे?
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बचपन में सिख़ाया जाता है कान का मैल समय-समय पर साफ़ करते रहना चाहियें। कान में मैल का होना अच्छ़ी बात नही यदि आपसे यदि कोई कहें कि, मैल के कई फ़ायदे है, तो आप विश्वास करेंगे? ज़ाहीर है नही पर यही सच है कान का मैल हमारे उन शारीरिक अंगो में शुमार है जिनकी रचना हमें पसंद नही जैसे-जैसे आयु बढ़ती जाती है मैल का रंग भी गहरा होता है ।
शोध के अनुसार
लंदन के रॉयल नेशनल अस्पताल के स्पेशलिस्ट के अनुसार कान, नाक, गला, जो भी हानिकारक चीज़े हम कान में डालेंगें वो कुछ ही दिनों में कोशिकाओं द्वारा बाहर आ जाएगी । कुछ भी खाने-पीने के दौरान जबडे़ के हिलने से मैल बाहार आ जाता है।
ऐसे है मैल फ़ायदेमंद
हाल ही में हुए वैज्ञानिक के शोध के अनुसार, मैल का इस्तमॉल हाईटेक फिल्टर या गोंद के तौर पर किया जा सकता हैं कान का मैल कई पदार्थों का मिश्रण होता है करिब 1000 से 2000 के बीच ग्रथिंया एंटी-माइक्रोबियल पेप्टाइड बनाती हैं बालों कि कोशिकाओं के करीब मौजूद वसा की ग्रन्थिया मिश्रित एल्कोहल स्कुआल नामक तैल कोलेस्ट्रोल और ट्राइग्लिसराइड बनाती है।
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