कुछ ही हफ़्तों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसी के मद्देनजर चुनाव आयोग ने एक अहम आदेश दिया है। आयोग ने अपने पहले दिए गए निर्देशों का हवाला देते हुए कहा है कि, किसी भी राजनीतिक पार्टी के पदाधिकारी की तस्वीर विज्ञापनों में नहीं लगाई जाएगी। ख़ासकर उन तस्वीरों को जिसमें उनकी या उनकी पार्टियों की उपलब्धियों को दर्शाया गया हो।
यह आदेश देने के पीछे आयोग का कहना है कि कोई भी राजनीतिक पार्टी या व्यक्ति अपने चुनावी अभियान में आम जनता के धन का इस्तेमाल नहीं कर सकता। हालांकि इन विज्ञापनों में सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी आम जनता को दी जा सकती है।आयोग के इस आदेश के बाद अब जीवित राजनीतिक पदाधिकारियों के फोटो सरकारी पोस्टर पर नहीं लगाए जाएंगे।
बता दें कि कांग्रेस ने मंगलवार को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मांग की थी कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा के पेट्रोल पंपों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फोटो वाले रसोई गैस के विज्ञापन हटाए जाने चाहिए। ये विज्ञापन गरीबों को रसोई गैस की सुविधा उपलब्ध कराने वाली योजना के संबंध में हैं। इन विज्ञापनों पर कांग्रेस की ओर से कहा गया था कि, प्रधानमंत्री की फोटो वाले ऐसे विज्ञापन आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे है।