स्नोडेन ने बनाया स्मार्टफोन को हैकिंग से बचाने वाला केस
सीआईए के पूर्व कर्मचारी और रूस में शरण लेकर रह रहे अमेरिका के कंप्यूटर प्रोफेशनल ने एक ऐसा डिवाइस बना रहे है, जो स्मार्टफोन्स को सरकार के जासूसों से बचाने में सक्षम होगा। जानकारी के अनुसार वे मैसाच्यूसट्स इंस्टिटयूट ऑफ टेक्नॉलजी मीडिया लैब के रिसर्चर के साथ मिलकर इस डिवाइस पर काम कर रहे है। गौरतलब है कि स्नोडन ने खुफिया जानकारी लीक करते हुए बताया था कि कैसे इंटेलिजेंस एजेंसियां टेलिकॉम कंपनियों से मिलकर जासूसी कर रही हैं।
सिग्नल्स का लगाता है पता
ये डिवाइस एक प्लास्टिक का केस है जो ऐपल आईफोन 6 के ऊपर स्लाइड करके चढ़ाया जा सकता है। ये स्मार्टफोन के एंटेना को मॉनिटर करते हुए सेल्युलर, ब्लूटूथ, वाई-फाई, जीपीएस या एनएफसी रेडियो चिप्स के इनकमिंग या आउटगोइंग सिग्नल्स का पता लगाएगा।
हैक करने पर बजेगा अलार्म
इस केस में एक अलग तरह का सेंसर है जो जो इसे किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधी का पता चलते ही बज उठेगा। बॉस्टन ग्लोब की रिपोर्ट में लिखा है, यह डिवाइस अलग हार्डवेयर है, इसलिए फोन के ऑपरेटिंग सिस्टम को हैक करने की कोशिशों के बारे में पता लगाकर यह डिवाइस को और सिक्यॉर बना देगा। इस डिवाइस को रिसर्चर ऐंड्रू हुआंग की मदद से बनाया जा रहा है। इसे अमेरिका में डप्ज् मीडिया लैब के एक इवेंट में इसे शोकेस भी किया गया। बताया जा रहा है कि यह डिवाइस पत्रकारों की भी मदद करेगा और फोन द्वारा भेजे या रिसीव किए जा रहे अनाधिकृत रेडियो सिग्नल्स को डिटेक्ट कर लेगा।
अगले साल होगा लांच
स्नोडन के मुताबिक जासूसी एजेंसियां फोन में मैलवेयर डालकर ऐसा भी कर सकती हैं कि फोन एयरप्लेन मोड में होने के बावजूद रेडियो कम्यूनिकेशन करता रहे। इस केस को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि किसी तरह की छेड़छाड़ महसूस होने पर यह आईफोन को स्विच ऑफ कर देता है। इस डिवाइस का प्रोटोटाइप यानी शुरुआती मॉडल अगले साल लॉन्च किया जा सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इसका डिजाइन और कोड ओपन-सोर्स्ड होगा। इसका मतलब यह हुआ कि अन्य डिवेलपर्स भी इस तरह के डिवाइस तैयार कर सकते हैं।