नोटबंदी के बाद से ही बैंकों पर नोट बदलवाने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही थी। कई बार ऐसा भी हो रहा था कि एक बार पैसा बदलवाने के बाद लोग फिर दूसरे दिन लाइन में लग जाते थे। इस कारण बैंक के बाहर लोगों की लम्बी-लम्बी कतार लग रही थी। दूसरे लोगों को अपने पुराने नोट बदलवाने का मौका ही नहीं मिल पा रहा था। इसी समस्या से निजात पाने के लिए सरकार की ओर से बैंकों को निर्देश दिए गए थे कि जो भी व्यक्ति नोट बदलवाने आए उसके दाए हाथ की उंगली पर अमिट स्याही का निशान लगाया जाए।
सरकार के इस फ़ैसले का थोड़ा असर भी देखने को मिला। कई जगहों पर बैंकों के बाहर लोगों की संख्या में कमी आई। लेकिन इसी बीच चुनाव आयोग ने बैंक में पुराने नोट बदलवाने वाले लोगों की उंगली पर स्याही लगाने पर एतराज जताया है। इस मसले पर बात करने के लिए चुनाव आयोग ने वित्त मंत्रालय को चिट्ठी भी लिखी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वित्त मंत्रालय को लिखी चिट्ठी में चुनाव आयोग ने दूसरे विकल्प तलाशने के लिए कहा है। चुनाव आयोग का कहना है कि देश के कई राज्यों में 19 नवम्बर को उपचुनाव होने हैं। ऐसे में अगर लोगों की उंगली पर अभी स्याही लगेगी, तो चुनाव के दौरान समस्या पैदा होगी। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने स्याही के इस्तेमाल पर सावधानी बरतने की भी नसीहत दी है।
बता दें कि नोट बदलने पर दाएं हाथ की अंगूठे की पास वाली उंगली पर स्याही का निशान लगाया जा रहा है। हालांकि चुनाव में बाएं हाथ की अगूंठे के पास वाली उंगली पर यह निशान लगता है। मतदाताओं की उंगली पर लगाए जाने वाले इस निशान के पीछे चुनाव आयोग का मकसद होता है कि एक व्यक्ति एक से ज़्यादा बार वोट न दे। चुनाव में पारदर्शिता लाने के लिए मतदाताओं की उंगली पर स्याही लगाई जाती है।