चुनाव आयोग ने शनिवार को बहुचर्चित ईवीएम चैलेंज का आयोजन किया। ईवीएम हैकिंग चैलेंज की शुरुआत मशीन के तमाम सुरक्षा इंतजामों के विस्तृत डेमो से शुरू हुआ। 4 घंटे चला EVM चैलेंज सुबह 10 बजे शुरू हुआ था, जिसमें सिर्फ NCP और CPM ने हिस्सा लिया। हालांकि दोनों पार्टियों ने हैकिंग करने में अपना हाथ नहीं आजमाया।
CPM ने ध्यान से डेमो देखा, NCP ने सवाल-जवाब भी किया
CPM के प्रतिनिधिमंडल ने मशीन की सुरक्षा से जुड़े तमाम डेमो को ध्यान से देखा, वहीं NCP की टीम ने आयोग की टेक्निकल कमेटी के विशेषज्ञों के साथ सवाल-जवाब भी किया। दोनों ही पार्टियों को चुनाव आयोग की तरफ से 4-4 EVM उपलब्ध कराए गए थे, जिनका हालिया यूपी और उत्तराखंड चुनाव में इस्तेमाल हुआ था।
EVM पूरी तरह टैम्परप्रूफ, आयोग का दावा कोई झूठला नहीं पाया
5 राज्यों में हुए हालिया विधानसभा चुनावों के बाद कई बड़ी विपक्षी पार्टियों ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों पर सवाल उठाते हुए उनके साथ छेड़छाड़ की आशंका जताई थी। बीएसपी, आम आदमी पार्टी समेत तमाम पार्टियों ने ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोप लगाते हुए कहा था कि इससे लोगों का विश्वास हिल रहा हा। हालांकि चुनाव आयोग ने बार-बार स्पष्ट किया कि EVM पूरी तरह टैम्परप्रूफ हैं।
BSP और AAP के बम को सभी ने दिखाई थी चिंगारी
BSP और AAP ने आरोप लगाया था कि हालिया विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल हुई मशीनों से छेड़छाड़ की गई थी, ताकि BJP को फायदा पहुंचे। बाद में तमाम दूसरी पार्टियों ने भी इनके सुर में सुर मिलाते हुए चुनाव आयोग से आगामी सभी चुनावों को बैलट पेपर से कराने की मांग की थी। इसके बाद ही चुनाव आयोग ने सभी पार्टियों को EVM हैक करने की खुली चुनौती दी।
7 राष्ट्रीय दलों और 49 क्षेत्रीय दलों को बुलावा
EVM चैलेंज के लिए चुनाव आयोग ने यूपी, पंजाब और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल हुई, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को अपने स्ट्रॉन्ग रूम से निकलवाकर लाया था। आयोग के EVM चैलेंज में हिस्सा लेने के लिए सिर्फ NCP और CPM 2 पार्टियों ने ही आवेदन किया था। RJD ने भी आयोग के पास आवेदन भेजा था, लेकिन निर्धारित समय के बाद आवेदन भेजने की वजह से वह EVM चैलेंज में शिरकत करने से वंचित रही। चुनाव आयोग ने EVM चैलेंज के लिए 7 राष्ट्रीय दलों और 49 क्षेत्रीय दलों को बुलावा भेजा था।