पूर्व NSA मेनन का पाक को लेकर बड़ा खुलासा
पाकिस्तान ने अपनी नापाक हरकत को अंजाम देने के लिए जम्मू-कश्मीर के उरी में आतंकी हमले को अंजाम दिया था। जवाबी कार्रवाई में भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक जैसा ख़तरनाक ऑपरेशन किया था। इस ऑपरेशन से पाकिस्तान को भारी मात्रा में नुकसान हुआ था। इसके बावजूद पाकिस्तान पीछे से वार करने की अपनी आदत से बाज़ नहीं आ रहा है। आए दिन वह सीजफायर का उल्लंघन करता रहता है। बहरहाल, पाकिस्तान को लेकर पूर्व विदेश सचिव और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रह चुके शिवशंकर मेनन ने एक बड़ा और चौंका देने वाला खुलासा किया है।
मेनन ने कहा कि 26/11 मुंबई हमले के बाद वह पाकिस्तान स्थित आतंकवादी कैंपों को तबाह करना चाहते थे। मेनन की माने तो मुंबई हमले के बाद वो चाहते थे कि पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के पोओके में मौजूद कैंपों पर हमला करके उसे तबाह कर दिया जाए। साथ ही वो उस समय आईएसआई के सैन्य कार्रवाई के भी पक्ष में थे।
मेनन ने अपनी किताब में भी किए हैं खुलासे
शिवशंकर मेनन ने ‘च्वाइसेसः इनसाइड द मेकिंग ऑफ इंडियाज फॉरेन पॉलिसी’ नाम की एक किताब भी लिखी है, जो अमेरिका और ब्रिटेन में रिलीज हो चुकी है। इस किताब में भी मेनन ने कई बड़े खुलासे किए हैं। मेनन ने लिखा है,”भारत ने पाकिस्तान पर तुरंत हमला क्यों नहीं किया इसका सरल जवाब है कि उच्चाधिकारियों की बैठक के बाद यह निष्कर्ष निकला कि पाकिस्तान पर इस वक्त हमला न करके ही हमें अधिक फायदा है।”
उन्होंने अपनी किताब में यह भी बताया है कि यदि उस वक्त पाकिस्तान पर हमला कर दिया जाता तो पूरी दुनिया पाकिस्तानी सेना के समर्थन में आ जाती, साथ ही उस समय चुनी गई आसिफ अली जरदारी की असैन्य सरकार को भी खतरा पैदा हो सकता था। उन्होंने यह भी कहा कि पोओके में आतंकियों के कैंप को नष्ट करने से अधिक फर्क नहीं होता। इसके अलावा मेनन ने अपनी किताब के एक चैप्टर में लिखा है, ”सैन्य अभियान के बजाय डिप्लोमेटिक, छद्म और दूसरे तरीकों पर ध्यान केंद्रित करना समय और जगह के हिसाब से ज्यादा सटीक रहा।”
ऐसे पड़ा भारतीय सुरक्षा पर असर
मेनन के अनुसार साल 2008 में मुंबई हमले के बाद उन्हें लगता था कि तीन दिन चले मुंबई हमले को पूरी दुनिया में टीवी पर दिखाया गया, जिससे भारतीय पुलिस और सुरक्षाबलों की छवि पर असर पड़ा है। बता दें कि 26/11 मुंबई हमले के दौरान शिवशंकर मेनन विदेश सचिव थे जो आगे चलकर मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बने।