हाल ही में पाकिस्तान से आई एक खबर सभी को चौंका दिया है। वहां पर एक ईसाई को मौत की सजा सुनाई गई है, क्योंकि उसने अपने दोस्त को सोशल मीडिया पर इस्लाम के लिए अपमानजनक संदेश भेजे। अब उसे जेल की हवा खानी पड़ रही है। दरअसल, उसके दोस्त ने पुलिस में शिकायत की थी कि मसीह ने व्हॉट्सएप पर एक कविता भेजी थी, जो इस्लाम का अपमान कर रही थी।
मसीह पंजाब प्रांत के सारा-ए-आलमगीर कस्बे में रहता था। मामले की खबर लोगों को चली तो लोग गुस्से में आ गए। इनसे बचने के लिए मसीह अपने घर से भाग गया था लेकिन बाद में उसने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। उसकी सुनवाई सुरक्षा कारणों से जेल में ही चली। सुनवाई एक साल से ज्यादा चली। अदालत के एक अधिकारी ने बताया कि मसीह पर 300,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। बता दें कि पाकिस्तान मुस्लिम बाहुल्य देश है। वहां ईशनिंदा एक कानूनी अपराध है।
पहले भी हुई ऐसी पोस्ट, जिसने पहुंचाया लोगों को जेल
फ्रेंड रिक्वेस्ट ने जज को ही पहुंचा दिया जेल-
बात छह साल पहले की है। ब्रिटेन की एक जज ने एक आरोपी को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी और खुद ही फंस गए। इस जज का नाम जेओना फ्रेल था। अपनी इस पोस्ट के कारण फ्रेल को जज होते हुए 8 महीने की जेल की सजा सुनाई गई है।
एक्स वाइफ को फेसबुक में किया टैग तो हो गई जेल-
अमेरिका के मारिया गोन्जालेज ने जनवरी 2016 में अपनी पूर्व पत्नी मेरिबेल काल्ड्रेन को बेइज्जत करते हुए एक फेसबुक पोस्ट लिखा और उसमें अपनी पूर्व पत्नी को टैग भी कर दिया। गोन्जालेज ने अपनी पत्नी को इसमें बेवकूफ बताया और उसके परिवार वालों को हमेशा दुखी रहने वाला बताया।
लाइक पाने के लिए किया ऐसा काम-
अल्जीरिया में एक व्यक्ति को उसकी फेसबुक पोस्ट की वजह से दो साल जेल की सजा सुनाई गई। इस आदमी ने एक बच्चे को खिड़की के बाहर सिर्फ इसलिए लटका दिया, क्योंकि वो चाहता था कि फेसबुक पर उसे कई लाइक्स मिले। फोटो पोस्ट कर उसने कैप्शन में लिखा कि मुझे इस फोटो पर 1000 लाइक्स मिलने चाहिए वरना मैं इस बच्चे को नीचे गिरा दूंगा।
बाल ठाकरे को किया पोस्ट तो लड़कियां गिरफ्तार-
ये मामला 2012 का है। जब शिवसेना नेता बाल ठाकरे की मौत के बाद मुंबई बंद पर फेसबुक पर सवाल उठाने वाली पालघर इलाकों की दो लड़कियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
फेसबुक पर किया देवी-देवताओं का अपमान-
उत्तर प्रदेश पुलिस ने फ़ेसबुक पर हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया था। यह मामला साल 2015 का था।
फेसबक पोस्ट करने से पहले बरतें सावधानी-
– अगर आपके किसी दोस्त पर कोर्ट में मामला चल रहा है, तो आप फेसबुक के जरिए उससे कोई जानकारी नहीं मांग सकते।
– फेसबक पर किसी भी व्यक्ति को आरोपी करार न दें, क्योंकि जब तक उसका गुनाह साबित नहीं हो जाता जब तक वे बेगुनाह है।
– फेसबुक पर किसी के पक्ष और विपक्ष में कोई बात न लिखें।
– किसी मामले से जुड़े जज से संपर्क करने की कोशिश न करें।