जानिए गूगल के एम्प्लॉइज़ क्यों हैं बेस्ट एम्प्लॉइज़
- - Advertisement - -
जब भी हम सोमवार की सुबह उठते हैं तो हमारा ऑफ़िस जाने का बिल्कुल भी मन नहीं करता है। लेकिन मीटिंग रिमाइंडर और बार-बार बजता हुआ आलार्म हमें नींद से जागने के लिए मजबूर कर देता है। यदि आपके साथ भी ऐसा होता है तो आप ’आई हेट माय वर्क’ सिंड्रोम के शिकार हो सकते हैं। लेकिन गूगलर्स (गूगल में काम करने वाले एम्प्लॉइज़) के साथ ऐसा नहीं है। वे हर सुबह ऑफ़िस जाना पसंद करते हैं और ऑफ़िस में अगर ओवर टाइम करना पड़े तब भी उन्हें कोई प्रॉब्लम नहीं होती। इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि वो सुपरमेन हैं, हमेशा मोटिवेटिड रहते हैं और हम उनके जैसे नहीं हैं। वो भी हमारी तरह ही हैं लेकिन ये गूगल का वर्क कल्चर है जिसकी वजह से एम्प्लॉइज़ को वहां काम करने में मज़ा आता है। वर्क कल्चर की वजह से ही गूगलर्स हर काम में अपना बेस्ट दे पाते हैं। गूगल ने अपने एम्प्लॉइज़ को कई सारी ऐसी सुविधाएं दी हैं जो कोई और कंपनी अपने एम्प्लॉइज़ को नहीं देती। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं गूगलर्स को मिली ऐसी ही कुछ सुविधाओं के बारे में।
- - Advertisement - -
पर्सनल प्रोजेक्ट
गूगलर्स ऑफ़िस में बिताए जाने वाले समय में से 20 प्रतिशत अपने पर्सनल प्रोजेक्ट्स को दे सकते हैं। गूगल का मानना है कि ऐसा करने से गूगलर्स के इनोवेशन और क्रिएटिविटी बाहर आती है। गूगल को अपनी इस पॉलिसी से काफ़ी फायदा भी हुआ है।
तीन समय का खाना
गूगल का मानना है कि एम्प्लॉइज़ को खाने की तलाश में बाहर नहीं जाना चाहिए। इससे टाइम की बर्बादी होती है। इसलिए गूगल ने अपने हर वर्क स्टेशन से लगभग 150 फीट की दूरी पर फूड स्टेशन बना रखे हैं। हर एम्प्लॉइ यहां तीन बार खाना खा सकता है।
पेट फ्रैंडली कंपनी
यदि आपके पास कोई पालतू जानवर है जिसे आप बहुत प्यार करते हैं, उसे आप अपने साथ ऑफ़िस ले जा सकते हैं। गूगल का मानना है कि ऐसे पेट्स का साथ जिन्हें आप बहुत प्यार करते हैं आपका स्ट्रेस कम करता है। इसलिए आप यहां अपने पेट्स को भी साथ लेकर जा सकते हैं। लेकिन शर्त ये है कि उसका बिहेवियर अच्छा होना चाहिए और आपने उसका वैक्सीनेशन करवाया हो।
एम्प्लॉइज की हेल्थ
गूगलर्स और उनकी फैमिली के लिए गूगल हेल्थ कवरेज की सुविधा भी देता है। गूगल के ऑफिस में एक वेल-ट्रेंड कपल है जो एम्प्लॉइज़ की सेहत का ध्यान रखते हैं। फ़िज़िशियन और नर्स की इस जोड़ी की कोशिश ये रहती है कि गूगलर्स को हेल्थ से जुड़ी हुई किसी भी चीज़ के लिए बाहर न जाना पड़े।
वेडिंग और मैटरनिटी ब्रेक
गूगल अपने एम्प्लॉइज़ को वेडिंग और मैटरनिटी लीव तो देता ही है। इसके अलावा गूगल इंडिया यंग मदर्स को बेबी डिलीवर करने के बाद लगभग 250 डॉलर के बेनिफिट देता है।
रेफरल मनी
यदि गूगल का कोई एम्प्लॉइ रेफरल के जरिए कंपनी के लिए कोई अच्छा एम्प्लॉइ ढूंढ कर देता है तो उसे 6000 डॉलर मिलते हैं। गूगल का मानना है कि यदि कोई अच्छा एम्प्लॉइ मिलता है तो वो निश्चित ही कंपनी को पैसा कमाकर देगा। ऐसे में जिसने उस एम्प्लॉइ को ढूंढने में मदद की है इसका फायदा उसे भी मिलना चाहिए।
लॉन में भी कर सकते हैं काम
गूगलर्स को अपनी टेबल पर या अपने कैबिन में बैठकर काम करना जरूरी नहीं है। वे चाहें तो कैफेटेरिया, लॉन और लाउंज में बैठकर भी काम कर सकते हैं। शर्त ये है कि आपको गूगल के कैंपस के अंदर रहकर ही काम करना ही है, आप कैंपस के बाहर नहीं जा सकते। गूगल केवल क्वालिटी वर्क चाहता है, फिर वो कहीं भी बैठकर किया गया हो।
ट्रेवल एंश्योरेंस
गूगलर्स को चाहे बिजनेस ट्रिप पर जाना हो या फैमिली वेकेशन पर जाना हो, गूगल अपने एम्प्लॉइज़ को ट्रेवल एंश्योरेंस की सुविधा देता है।
चीफ़ कल्चरल ऑफ़िसर
यदि कोई एम्प्लॉइ किसी तरह का कोई बदलाव चाहता है तो वह इसके बारे में चीफ़ कल्चरल ऑफ़िसर को बता सकता है। यहां चीफ़ कल्चरल ऑफ़िसर की नियुक्ति इसलिए की गई है ताकि गूगल अपने एम्प्लॉइज़ को हैप्पी और सेटिस्फाई रख सके।
- - Advertisement - -