Wednesday, September 13th, 2017 02:38:02
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कई साल वैश्यालय में बिताने के बाद महिला ने लिखा पीएम मोदी को दर्दभरा खत




कई साल वैश्यालय में बिताने के बाद महिला ने लिखा पीएम मोदी को दर्दभरा खतSocial

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आपने फिल्मों में देखा होगा कि पहले के जमाने में किस तरह सोने, घड़ियों और ड्रग्स की स्मगलिंग की जाती थी। इन सभी की स्मगलिंग के अलावा इंसानों की स्मगलिंग के मामले भी देखने को मिले। आज के समय में भी मानव तस्करी एक बड़ी समस्या है। मानव तस्करी करने वाले बच्चों से लेकर बूढ़ों तक किसी को नहीं छोड़ते। मानव तस्करी की एक कहानी पीएम मोदी के हाथों भी लगी जो रूंह कंपाने वाली है।

रक्षाबंधन के मौके पर पीएम मोदी को एक लड़की ने खत लिखा। वैसे तो कई लोग पीएम मोदी को खत लिखते हैं लेकिन ये खत उन लोगों से ख़ास था। ख़ास इसलिए क्योंकि इस लड़की की कुछ समय पहले पहचान एक वैश्या के रूप में की जाती थी। वो करीब छः साल तक एक ऐसी ज़िन्दगी जी रही थी जो उसकी थी ही नहीं। उसने अपनी दर्दभरी दास्तां पीएम मोदी के साथ शेयर की।

लड़की ने उनके चंगुल से निकलने के बाद पीएम मोदी को लेटर लिखा, जिसमें उसने अपनी आपबीती सुनाई, वो कैसे इसका शिकार हुई, उसके साथ क्या-क्या जुल्म हुए, इतने साल वो कैसे उस नरक में रही, सब उसने अपने लेटर में लिख डाला। हम आपको उसी लड़की के लेटर के बारे में बताने जा रहे हैं।

महाराष्ट्र स्टेट कमीशन फ़ॉर वीमेन की विजया रहाटकर ने इस पीड़िता का लेटर बीते सोमवार पीएम मोदी तक पहुंचाया। रहाटकर दिल्ली में पीएम मोदी से मिली और उनकी कलाई पर रक्षाबंधन के मौके पर राखी भी बांधी। अपने दो पेजेज़ के लेटर में पीड़िता ने लिखा कि उसे तस्करी करके लाया गया और शहर के वेश्यालय में बेच दिया गया, जहां उसने 6 साल बिताये, एक ऐसी ज़िन्दगी जो जहन्नुम से भी बदतर थी. उसने लिखाः

’वहां रोज़ मुझे ख़ूब मारा जाता था, और मेरे साथ जानवरों से भी बुरा बर्ताव किया जाता था। मैं तो इस दलदल से बाहर निकलने की उम्मीद ही खो चुकी थी, और मुझे लगता था कि अब तो मैं मरने के बाद ही इस नरक से निकल पाऊंगी।’

हालांकि, इस महिला की किस्मत अच्छी थी, जो इसे इस काली अंधेरी दुनिया से सुरक्षित वापस निकाल लिया गया। आज ये एक अच्छी और इज्ज़त भरी ज़िन्दगी जी रही है। उसने अपने लेटर में लिखा,

’एक दिन मुंबई पुलिस और उसके साथ एक एनजीओ वहां आये और उन्होंने मुझको इस दलदल से निकालकर मुझे नई ज़िन्दगी दी. मुझे पुनर्वास करने का मौका मिला और अब मैं एक गार्मेंट आउटलेट में काम कर रही हूं.’

इस महिला ने प्रधानमंत्री मोदी से अनुरोध किया कि उसकी तरह जो दूसरी महिलायें ऐसे दलदल में फंसी हुई हैं को भी बचाया जाए और उनका भी पुनर्वास किया जाए. रक्षाबंधन के दिन मैं आपसे यही अपील करती हूं कि आप उन महिलाओं जो आपकी बहनें हैं के लिए एक ऐसे भाई की भूमिका अदा करें, जो अभी भी वेश्यालयों में नरक की ज़िन्दगी जी रही हैं, की ज़िन्दगी बचाएं.

रहाटकर, जो बीजेपी महिला मोर्चा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि उनको पूरा विश्वास है कि पीएमओ ज़रूर लेटर में लिखी हुई बातों को ध्यान में रखते हुए कोई न कोई ठोस कदम ज़रूर उठाएगा. NGO का उद्देश्य व्यथित महलाओं के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन लाना है. उन्होंने कहा, ’मुझे विश्वास है कि पीएमओ इसके लिए उपयुक्त कदम उठाएगा.’

 

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