ब्रह्मोस से लैस सुखोई ने भरी सफल उड़ान, भारत ने फिर रचा गौरवशाली इतिहास
- - Advertisement - -
भारतीय वायुसेना के अग्रिम लड़ाकू विमान सुखोई -30 mki के कल पहली बार सुपरसोनक क्रूज प्रक्षेपास्त्र ब्रह्मोस्त्र के साथ सफलतापूर्वक उड़ान भरी। इस उड़ान के साथ ही भारतीय वायुसेना दुनिया की पहली ऐसी एयरफोर्स बन गई है जिसके पास सुपरसोनिक मिसाइल शामिल हो गई हैं। भारत के पास अब जल, थल और आकाश से परमाणु हमला करने में सक्षमता हासिल हो गई है। भारत और रूस ने मिलकर इस सुपसोनक क्रूज को डवलप किया है। इसे पनडुबबी , जमीन और युद्धपोत और विमान से दागा जा सकता है। वहीं सुखोई 30 भारतीय वायुसेना का लड़ाकू विमान है। इसका निर्माण विमान रूसी कंवपनी सुखोई और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक ने किया है।
ब्रह्मोस एयरोस्पेस के मुखय कार्यकारी अधिकारी सुधीर कुमार मिश्रा ने बताया कि ढाई हजार किग्रा वजन के प्रक्षेपास्त्र को लड़ाकू विमान के साथ जोड़कर उड़ाने वाला भारत पहला देश बन गया है। आने वाले समय में सुखोई के जरिए हवा से जमीन पर ब्रह्मोस द्वारा हमले का परीक्षण किया जाएगा।
राजू ने कहा मेक इन इंडिया का यह शानदार उदाहरण है और भारत के विमान इतिहास में भी यादगार दिन है। इससे साबित होता है कि यदि सभी एजेंसियां एकसाथ मिलकर किसी खास मिशन पर काम करने लगें, तो असंभव कुछ भी नहीं है।
परीक्षण के ये हैं खास उद्देश्य-
– इसका मकसद ब्रह्मोस को सुखोई विमान के जरिए हवा से जमीन पर दागने में सक्षम बनाना है।
– विमान में जब ब्रह्मोस प्रक्षेपास्त्र लगा दिया जाएगा , तो वायुसेना की मारक क्षमता काफी बढ़ जाएगी।
– भारतीय वायुसेना दुनिया की अकेली ऐसी वायुसेना होगी, जिसके पास सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली होगी।
– वायुसेना दृश्यता सीमा से बाहर के लक्ष्यों पर भी हमला कर सकेगी।
– लगभग चालीस विमानों में ब्रह्मोस लगाने की योजना है।
- - Advertisement - -