केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को लोकसभा में आयकर कानून संशोधन विधेयक पेश कर दिया है। यदि यह बिल पास हो जाता है तो इसका देश पर व्यापक तौर पर असर होगा। ख़ास तौर पर इसका असर उन लोगों पर पड़ेगा जिनके पास कालाधन है या फिर जिनकी आय अघोषित है। मिली जानकारी के अनुसार इस संशोधन विधेयक में अघोषित आय पर 30 प्रतिशत टैक्स और 10 प्रतिशत जुर्माने के अलावा 33 प्रतिशत गरीब कल्याण सेस लगाने का प्रस्ताव है।
इन बातों का जिक्र हैं इस बिल में
यह बिल नोटबंदी के बाद से देश भर के बैंकों में जमा हुई अघोषित आय पर टैक्स वसूलने का काम करेगा। बिल के मुताबिक 8 नवंबर को नोटबंदी का ऐलान किए जाने के बाद जमा की गई अघोषित आय पर 30 पर्सेंट टैक्स, 10 प्रतिशत पेनल्टी और 33 पर्सेंट सरचार्ज वसूला जाएगा। यह सरचार्ज कुल टैक्स पर वसूला जाएगा जो 13 पर्सेंट के करीब होगा। इतना ही नहीं यदि संबंधित व्यक्ति खुद इस रकम की घोषणा नहीं करता है और आयकर विभाग पकड़ता है तो इस राशि पर 75 पर्सेंट टैक्स और 10 पर्सेंट पेनल्टी लगेगी। बता दें कि इस सरचार्ज को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण सेस का नाम दिया गया है।
गरीबों के लिए खर्च होगी यह रकम
मिली जानकारी के अनुसार, इस बिल की सबसे खास बात यह होगी कि 2.5 लाख रुपए से अधिक की अघोषित आय के 25 पर्सेंट हिस्से को सरकार गरीब कल्याण योजना के फंड में जमा करेगी। सरकार इस राशि को शिक्षा, स्वास्थ्य और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करेगी। इस स्कीम को पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत लॉन्च किया गया है। सरकार ने अघोषित आय पर करीब 75 पर्सेंट टैक्स लगाने का फ़ैसला लिया है, जबकि बाकी बची 25 पर्सेंट रकम को निकाला जा सकेगा। गरीब कल्याण योजना के तहत खर्च होने वाली राशि को घर, सिंचाई और शौचालय में खर्च किया जाएगा। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 8 नवंबर को हुई नोटबंदी के बाद से बैंकों के पास करीब 6.50 लाख करोड़ रुपए जमा हो चुके हैं।