Monday, August 14th, 2017
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सस्ते सामान के लिए वर्कर्स पर ऐसे जुल्म ढाता है चीन, जानिए सच्चाई




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जब भी सस्‍ते प्रोडक्‍ट की बात होती है तो चीन का जिक्र सबसे पहले होता है। चीन ने इन्हीं सस्ते प्रोडक्ट्स के दम पर कई देशों के बाजारों पर कब्जा कर लिया है। हालांकि वह सस्ते सामान बनाने के लिए अपने यहां के मजदूरों के साथ जैसा व्यवहार करता है, उसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। हम आपको बता रहे हैं कि चीन में प्रोडक्ट्स की कीमतें कम रखने के लिए वर्कर्स को कैसे टार्चर किया जाता है। आइए, जानते हैं चीन में वर्कर्स की हालत के बारे में।

बंधुआ मजदूर से कराता है काम-

न्‍यूज एजेंसी पर आई खबर के मुताबिक अमेरिका-चीन के आर्थिक स्थिति और सुरक्षा समीक्षा आयोग की रिपोर्ट में बताया गया है कि‍ चीन की बिचौलिया कंपनियां अधिक से अधिक लाभ लेने के लिए बंधुआ मजदूरों से काम कराती हैं। यानी इन मजदूरों को एक तरह से बंधक बनाकर काम कराया जाता है। इन मजदूरों को न तो कहीं बाहर निकलने की इजाजत होती है और न ही उन्‍हें किसी बाहरी व्‍यक्ति से संपर्क करने का मौका दिया जाता है।

कैदियों से भी कराते हैं काम

वैसे तो दुनियाभर के देशों के जेल में बंद कैदियों से काम कराया जाता है, लेकिन चीन में स्थिति भयावह है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन के जेल में सजा काट रहे कैदियों को भी बंधुआ मजदूर बनाकर काम कराया जाता है। यानी जेल में बंद कैदियों को टॉर्चर कर काम कराया जा रहा है। 2016 में आई यूएस लेबर डिपार्टमेंट की एक रिपोर्ट में भी इसका जिक्र किया गया था।

बीमारी में भी कराते हैं काम

तब बताया गया था कि चीन के मजदूरों से बीमारी की हालत में भी काम कराया जाता है। अगर कोई ऐसा करने से मना करता है, तो उसके साथ बेहद क्रूर तरीके से पेश हुआ जाता है। उन्‍हें ठंडे पानी में डुबोने से लेकर नाखून उखाड़ने जैसे टॉर्चर सहने पड़ते हैं।

घटिया क्‍वालिटी का भोजन

चीन की अधिकतर कंपनियां मजदूरों से काम कराने के साथ भोजन भी देती हैं। लेकिन यह बेहद घटिया क्‍वालिटी का होता है। पिछले कुछ सालों में कई ऐसी रिपोर्ट सामने आए हैं जिसमें घटिया क्‍वालिटी के भोजन की वजह से मजूदर की मौत का जिक्र किया गया है। इसके अलावा कई ऐसी भी कंपनियां हैं जो कई दिनों तक मजदूरों को खाना उपलब्‍ध नहीं कराती हैं।

मजदूरों का नहीं होता कोई रिकॉर्ड

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि चीन में मजदूरों का कोई रिकॉर्ड भी नहीं होता है। यानी कितने मजदूर काम कर रहे हैं। इसका कोई डाटा नहीं होता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि कई बार तो सामान जिस कारखाने में बने होने का दावा किया जाता है, वास्तव में उस स्थान पर कारखाना होता ही नहीं है। चीन में मजूदरों की हालत जानने के लिए यूएस इमीग्रेशन एंड कस्टम्स इन्फोर्समेंट (ICE)  के अधिकारियों ने जब भी कंपनियों के वर्कप्‍लेस का दौरा किया, तो उन्हें रोक दिया गया। ऐसा 2009 से हो रहा है। बता दें कि  ICE  अमेरिका को एक्‍सपोर्ट होने वाले प्रोडक्‍ट की मैन्‍चयूफैक्‍चरिंग में बंधुआ मजदूर, बाल मजदूर और किसी तरह की क्रूरता पर नजर रखने के लिए सर्टिफाई ऑर्गेनाइजेशन है।

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