अब बच सकेंगे मैट्रिमोनियल साइट्स पर मिलने वाले धोखे से
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अब मैट्रिमोनियल साइट्स को आईटी एक्ट और गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा। अब ये वेबसाइट्स आईटी एक्ट 2 के तहत आ गई हैं। आईटी से पहले महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से इस बारे में चर्चा हुई थी। मैट्रिमोनियल साइट्स पर आने वालों को अब इन गाइडलाइन का पालन करना जरूरी है।
सरकार की गाइडलाइन
1. मैट्रिमोनियल साइट्स पर आने वाले यूजर का कन्फर्मेशन जरूरी होगा।
2. यूजर की ओर से दी गई जानकारी का वैरिफिकेशन करना भी जरूरी होगा।
3. यूजर की कोई भी पर्सनल इंफोर्मेशन सार्वजनिक नहीं की जानी चाहिए।
4. निजी जानकारी की सुरक्षा करना जरूरी।
5. पहचान पत्र देना भी होगा जरूरी। यूजर की ओर से उसके पहचान पत्र की कॉपी अपलोड करना अनवार्य होगा।
6. सर्विस प्रोवाइडर साइट्स को ये घोषणा करना भी अनिवार्य होगा कि वह मैट्रिमोनियल साइट्स हैं न कि डेटिंग साइट्स।
7. सभी नियमों और शर्तों पर यूजर की मंजूरी जरूरी।
8. यूजर्स को ठगी के खिलाफ चौकन्ना रखना इससे संबंधित जानकारी साइट पर देना जरूरी होगी।
9. यूजर को फ्रॉड के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए मोटिवेट करना भी जरूरी होगा।
10. वेबसाइट्स को शिकायत के लिए नियुक्त अफसर से जुड़ी जानकारी जैसे उनका नंबर साइट पर देना होगा।
क्यों बढ़ा क्रेज
मेट्रिमोनियल साइट्स की तरफ लोगों का रुझान बढऩे के कई कारण हैं। इनमें पहला कारण ये है कि आज रिश्तेदारों की मदद से शादी-ब्याह के फैसले कम लिये जाने लगे हैं। इसलिए सर्किल लगातार घट रहा है। ऐसे में बेटे और बेटी की शादी के लिये रिश्ते मिलने में दिक्कत होती है। इसलिए लोग इनमें बढ़-चढ़ कर रूचि ले रहे हैं।
युवाओं में क्यों है पॉपुलर
25 से 30 वर्ष के लोगों के बीच यानी कि युवाओं के बीच ये वेबसाइट्स काफी पॉपुलर हैं। इन वेबसाइट पर यूजर अपना एकाउंट बना कर अपनी पसंद का पार्टनर ढूंढ सकता हैं और उससे बातचीत भी कर सकता है। अपनी पसंद-नापंसद एक-दूसरे से शेयर कर सकते हैं। यही वजह है कि ये वेबसाइट्स युवाओं के बीच काफी पॉपुलर हैं।
क्या हैं नुकसान
जहां मैट्रिमोनियल वेबसाइट्स के कई फायदे हैं वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं। आजकल मैट्रिमोनियल साइट्स के जरिए धोखा खाना वैसी ही आम बात हो गई है जैसी कि उसके जरिए शादी होना। कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें मैट्रिमोनियल साइट्स द्वारा शादी करके अच्छा अनुभव नहीं मिला है। ये वे लोग हैं जिन्हें या तो ठग लिया गया है या फिर जिनके होने वाले पार्टनर की प्रोफाइल ही झूठी निकली। किसी तरह का वैरिफिकेशन न होने की वजह से सच और झूठ का पता लगाना काफी मुश्किल होता है। केवल इन पर प्रोफाइल बनाने वाला यूजर ही अपनी असलियत जानता है उसके अलावा सभी लोग वो जानते हैं जो यूजर उन्हें चैट के जरिए बताता है।
किस तरह मिलता है धोखा
केस 1 – 2014 में हैदराबाद के साइबराबाद में पी.शशिकुमार नाम के एक शख्स ने मेट्रोमोनियल साइटस का सहारा लेते हुए आईटी पेशेवर लड़की से शादी का झांसा देकर उससे 1.5 लाख रुपए ठग लिये। जब पुलिस में शिकायत दी गई तो पता चला कि वह व्यक्ति पहले भी करीब 700 लड़िकयों को अलग प्रोफाइल बनाकर भेज चुका है।
केस 2 – ऐसे ही एक अन्य मामले में 2015 में पुणे में एक अजय कुलकर्णी नामक एक व्यक्ति ने एक आइटी पेशेवर लड़की से मेट्रोमोनियल साइटस के जरिए संपर्क किया और उससे अपनी बीमार मां के इलाज के नाम पर 7 लाख रुपए ठग लिए। इसके बाद वो फरार हो गया। खुद को एक यूएस कंपनी का मैनेजर बताने वाले इस व्यक्ति को लेकर पुलिस ने जांच की तो पता चला कि वह इस तरह से पहले भी विपिन और अन्य नाम से ठगी कर चुका है।
केस 3 – ऐसे ही एक मामले में पंजाब के होशियारपुर में रहने वाली एक महिला ने पुलिस को शिकायत दी थी कि अमेरिका में रहने वाले उसके एनआरआई बेटे से एक महिला ने इस वेबसाइट के माध्यम से संपर्क कर शादी की है। जांच में पता चला कि वह पहले भी इसी तरह से इंग्लैंड में रहने वाले एक व्यक्ति विशाल जैन से शादी कर चुकी है।
क्या कहते हैं आंकड़े
1. एसोचैम की रिपोर्ट के मुताबिक मेट्रोमोनियल साइट्स का बिजनेस आज डेढ़ हजार करोड़ रुपए का है।
2. यह कारोबार 2013 में करीब 520 करोड का था और 2017 तक इसका कारोबार 3 हजार करोड़ हो जाने की उम्मीद है।
3. हर महीने करीब 50-55 मिलियन लोग इन साइट्स को सर्च करते हैं। वहीं हर महीने करीब 25 लाख लोग इन पर अपना रजिस्ट्रेशन कराते हैं।
4. 25-35 साल के बीच के लोगों में मेट्रिमोनियल वेबसाइट्स काफी पॉपुलर हैं।
5. 50-55 मिलियन लोग (साढ़े पांच करोड़ लोग) हर महीने ऐसी साइटस पर एक बार जाते हैं।
6. 69 प्रतिशत पुरुष तो करीब 31 प्रतिशत महिलाएं जीवनसाथी चुनने के लिए साइट्स सर्च करती हैं।
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