शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव, अगले साल से बदल जाएगी शिक्षा नीति
साल बदलने के साथ ही अगले साल शिक्षा नीति भी बदल जाएगी। इतना ही नहीं अगले साल से देश का कोई भी छात्र या छात्रा पैसों की कमी के चलते शिक्षा से वंचित नहीं होगा। बता दें कि केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शिक्षा नीति में बदलाव को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। मांडा में आयोजित लाल बहादुर शास्त्री सेवा निकेतन के स्वर्ण जयंती समारोह के दौरान जावड़ेकर ने बेहतर शिक्षा नीति पर जोर देते हुए कहा कि, ”कौशल विकास के बिना कोई भी शिक्षा अधूरी है। सरकार का प्रयास है सबको अच्छी तथा अच्छी शिक्षा देने का है।” जावड़ेकर ने आगे कहा, ”ऐसी परीक्षा पास कराने का क्या मतलब जब विषय का ज्ञान ही न हो।”
दसवीं सीबीएसई के पैटर्न में बदलाव शुरू
जावड़ेकर ने बताया कि केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की दसवीं की परीक्षा पैटर्न में बदलाव की प्रक्रिया कर दी गई है। हालांकि यह बदलाव अगले साल होने वाली परीक्षाओं में लागू नहीं होगा। इसके साथ ही सर्व शिक्षा के तहत स्कूलों में आठवी तक के बच्चों के लिए परीक्षाओं के आयोजन पर जावड़ेकर ने कहा, ”हमने राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के साथ मीटिंग की है। लगभग सभी इस बात पर सहमत हैं कि कम से कम पांचवीं व आठवीं तक के बच्चों के सीखने की क्षमता जानने के लिए एक परीक्षा का आयोजन होना चाहिए। इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार कर सेंट्रल कैबिनेट को जल्द ही भेजा जाएगा।”
जावड़ेकर ने आगे कहा ,”सर्वशिक्षा अभियान का लक्ष्य सिर्फ़ बच्चों को स्कूल भेजने से पूरा नहीं होगा बल्कि उनके लिए गुणवत्तापरक शिक्षा भी सुनिश्चित करनी होगी। हम यह तय करना चाहते हैं कि बच्चों को अगली क्लास में तभी एडमिशन दिया जाए जब उनकी अगली क्लास के अनुरूप योग्यता तय हो जाए। इसके लिए मापदंड तैयार किए जा रहे हैं।”
सरकारी स्कूल के छात्र रहे हैं जावड़ेकर
इस समारोह में जावड़ेकर ने कहा कि वे ख़ुद सरकारी स्कूल के छात्र रह चुके हैं। नयी शिक्षा नीति के संबंध में बात करते हुए जावड़ेकर ने बताया इसके लिए शिक्षकां को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। जावड़ेकर के अनुसार शिक्षा में किए जाने वाले इस बदलाव से देशभर के सभी बच्चों को बहुत फायदा होगा। इसके साथ ही चीटिंग कर परीक्षा पास करने वाले स्टूडेन्स पर लगाम भी लगाया जा सकेगा।