आज से मोदी करेंगे ‘प्रोग्रेस पंचायत’
मोदी सरकार गुरुवार यानी कि आज से एक नए प्रोग्राम की शुरूआत करने जा रही हैं। इस प्रोग्राम को मोदी सरकार ने ‘प्रोग्रेस पंचायत’ नाम दिया हैं। इस पंचायत की ख़ास बात ये है कि इसमें मोदी मुसलमानों और दूसरे अल्पसंख्यक समुदाय का दिल जीतने की कोशिश करने वाले हैं। दरअसल इस पंचायत में ज़्यादातर अल्पसंख्यक समुदाय और मुसलमान लोग हिस्सा लेंगे। बता दें कि इससे पहले भी मोदी सरकार मुसलमानों को अपने करीब लाने के लिए सूफी सम्मेलन कर चुकी हैं। मोदी इस पंचायत की शुरुआत हरियाणा के मेवात से करेंगे। इसके बाद उनकी दूसरी पंचायत छह अक्टूबर को राजस्थान के अलवर में होगी। इस पंचायत में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी भी हिस्सा लेंगे।
कांग्रेस ने मोदी की इस पंचायत पर उठाए थे सवाल
मोदी की इस पंचायत पर कांग्रेस ने बुधवार को सवाल उठाए थे। कांग्रेस प्रवक्ता मीम अफजल का कहा था, प्रोग्रेस पंचायत का मतलब क्या है? इसका मतलब मोदी सरकार ने ये मान लिया कि मुसलमानों की प्रोग्रेस नहीं हुई और पिछले ढाई साल में जब बीजेपी के एक दर्जन नेता मुसलमानों को टारगेट बना रहे थे, उसके बाद अब मोदी जी को ख़याल आया है।
इसीलिए कर रहे है मोदी ये पंचायत
केंद्र सरकार की मानें तो पिछली सरकार ने मुस्लिमों के उत्थान के कोई ऐसा कदम नहीं उठाया जिससे उनकी समस्याएं दूर हों। मोदी सरकार का कहना है कि वो मुस्लिम समुदाय की तमाम समस्याओं को सुलझाने के लिए तैयार है। ऐसे में ’प्रोग्रेस पंचायत’ के जरिये देशभर में मुस्लिमों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनी जाएंगी और उसका हल किया जाएगा। सूत्रो के अनुसार मोदी इस प्रोग्राम से मुस्लिमों को अपने साथ जोड़ने के लिए एक बड़ी पहल करने जा रहे हैं। ग़ौरतलब है कि महज चार दिनों पहले ही मोदी ने मुसलमानों को वोट की मंडी बनाने वालों को फटकार लगाते हुए मुसलमानों को अपना बताया था। मोदी ने दीनदयाल उपाध्य के वक्तव्य को दोहराते हुए कहा था, “न मुसलमानों को पुरस्कृत करें, न तिरस्कृत करें. बल्कि उनका परिष्कार करें। मुसलमान कोई वोट की मंडी का माल नहीं और घृणा की वस्तु नहीं है। उन्हें अपना समझे। वैसे मोदी की इस रैली को चुनाव कैंपेन की तरह भी देखा जा रहा है। बता दें कि अगले साल यूपी में चुनाव होने जा रहे है।