नई दिल्ली: वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के 24 घंटे बाद भी पुलिस को कोई सुराग हाथ नही लगा सका है. वही हत्या के बाद राजनीति की सियासी जंग शुरू हो गई है. इस बात को ध्यान में रखते हुए र्नाटक सरकार ने आईजीपी(इंटेलीजेंस), बीके सिंह के नेतृत्व में जांच के लिए 19 अफसरों की टीम गठित कर दी है.
बता दे कि मंगलवार को पत्रकार गौरी को बेंगलुरु के राज राजेश्वरी नगर स्थित उनके घर पर तीन बाइक सवार हमलावरों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी. हमलावरों ने सात गोलियां दागीं, जिन में से तीन गोली गौरी को लगीं है. इतना ही नही हत्या के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस जांच में जुटी है.
गौरी का बुधवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ बेंगलुरु शहर के चामराज पेट कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान बंदूक से सलामी दी गई. इतना ही नही कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली और प्रदेश के अन्य नेताओं ने चामराज पेट पहुंच कर गौरी को श्रद्धांजलि अर्पित की.
कौन थी पत्रकार गौरी लंकेश
गौरी लंकेश का जन्म 1962 में हुआ था. इनके पिता पी लंकेश एक पत्रकार थे और अपनी एक साप्ताहिक पत्रिका निकालते थे. सबसे पहले गोरी इसी की संपादक बनीं मगर गोरी ने अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत बैंगलुरू से एक अंग्रेजी अखबार से की थी. इसके बाद में वह दिल्ली चली गयी थी हालंकि कुछ साल बाद वह फिर वापिस बैंगलुरू आ गयी थी. और एक मैग्जीन में बतौर कॉरेसपॉन्डेंट काम करने लगी थी.
पिता की मौत के बाद गौरी ने अपना खुद की साप्ताहिक कन्नड़ गौरी लंकेश पत्रिका निकालनी शुरू कर दी. इतना ही नहीं साल 2012 में उन्होंने एक प्रदर्शन में भी हिस्सा लिया. जहां उन्होंने कहा की हिंदू कोई धर्म नहीं है,बल्कि समाज का एक ऐसा सिस्टम है,जिसमें महिलाओं को दोयम दर्जे का माना जाता है. इसके बाद बीजेपी के नेताओं के खिलाफ एक रिपोर्ट छापने को लेकर उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था. इस मामले में उन्हें छह माह जेल की सजा हुई भी हुई थी.