हनुमानजी के बारें में तो आप सभी लोग जानते है कैसे हनुमानजी ने संजीवनी बूटी लाकर प्रभु श्रीराम के छोटे भ्राता लक्ष्मण को जीवनदान दिया था। कुछ ऐसे ही है हमारे गौतम गंभीर ये सिर्फ नाम से ही गंभीर नहीं है बल्कि इनकी क्वालिटी है कि ये इंडिया को गंभीर हालातों में भी जीता दिया करते है। ये बात अलग है कि कभी-कभी जल्दी भी आउट हो जाते है। लेकिन अच्छा खेलते है। 14 अक्टूबर को उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं उनकी लाइफ की कुछ ख़ास बातें…
सालों पहले की बात है, गंभीर टेक्सटाइल के मालिक दीपक गंभीर जो कि दिल्ली में रहा करते थे उनके यहां 14 अक्टूबर 1981 को जन्म हुआ एक बेटे का जिसका नाम रखा गया गौतम। गौतम की माँ एक हाउसवाइफ है। गौतम को दुलार, प्यार और राखी बांधने के लिए पहले से उनकी दीदी इस दुनिया में मौजूद थी जिनका नाम था ‘एकता’। गौतम की ज़िन्दगी में बचपन में ही एक ऐसा हादसा हुआ कि उन्हें अपने माँ-बाप से दूर होना पड़ा। दरअसल कोई घटना नहीं हुई थी। गौतम के जन्म होने के अठारहवे दिन ही उन्हें उनके ग्रेंड पैरेंट्स ने गोद ले लिया और उन्हीं ने गौतम को पाला पोसा।
भारत में एक कहावत है कि पूत के पांव पालने में ही दिख जाते है। गौतम गंभीर ने बचपन से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। मात्र दस साल की उम्र में ही गौतम गंभीर को क्रिकेट खेलने का शौक लगा। गौतम गंभीर ने अपनी स्कूलिंग नई दिल्ली के मॉर्डन स्कूल से की थी। गौतम गंभीर ने कॉलेज की पढ़ाई दिल्ली यूनिवर्सिटी से की थी। गौतम गंभीर को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था। साल 2000 में गौतम गंभीर पहली बार में ही नेशनल क्रिकेट एकेडमी में सिलेक्ट हो गए थे।
गौतम गंभीर ने अपने करियर में 147 वनडे मैच और 57 टेस्ट मैच खेले है। उन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से टीम इंडिया और इंडिया के लोगों के दिलों में जगह बनाई है। आमतौर पर वे ओपनर की भूमिका में मैदान पर उतरते है और बॉलर्स को काफी देर तक उलझाए रखते है। साल 2002 में जब उनके क्रिकेट करियर की शुरूआत हुई थी तब उन्होंने जिम्बॉबवे के लिए 2 डबल सेंचुरी बनाई थी।
गौतम गंभीर का वन डे मैच में डेब्यू 2003 में टीवीएस कप में हुआ जिसमें वे बांग्लादेश के खिलाफ खेले। इस सीरिज के तीसरे मैच में गंभीर ने 71 रन बनाए थे और वे मैन ऑफ द मैच चुने गए। साल 2004 में उन्होंने टेस्ट मैच में डेब्यू किया जिसमें वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले। अपने करियर के पहले टेस्ट मैच में तो वे ज्यादा कुछ कमाल नहीं कर पाए लेकिन दूसरे टेस्ट मैच में जो कि साउथ अफ्रीका के खिलाफ था उसमें गंभीर ने 96 रन बनाए थे।
साल 2005 में गंभीर को टेस्ट मैच से बाहर कर दिया गया और गंभीर ने साल 2005 से 2007 तक वनडे मैच खेले। साल 2007 में उन्हें एक बड़ा झटका लगा। 2007 में होने वाले वर्ल्ड कप में उन्हें टीम इंडिया से बाहर कर दिया। जब उन्हें ये पता चला तो उन्हें काफी बुरा लगा और प्रेक्टिस करना छोड़ दिया। लेकिन उन्हें साल 2007 में बांग्लादेश टूर के लिए सिलेक्ट किया गंभीर ने इस सीरिज में सेंचुरी लगाई। इसके बाद आयरलैंड टूर के लिए भी सिलेक्ट किया जिसमें उन्होंने 80 रन बनाए थे।
इन दो टूर में बेहतर प्रदर्शन करने के बाद उन्हें वर्ल्ड कप टीम के लिए जगह मिली। साल 2007 के फाइनल में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करके अपने आप को बेहतर साबित कर दिया। साल 2008 में उन्हें फिर से टेस्ट टीम में जगह मिली। टेस्ट टीम में वे अपने दिल्ली के टीममेट वीरेन्द्र सहवाग के साथ मिलकर ओपनिंग करते थे। सहवाग के साथ मिलकर गंभीर ने 61 मैचों में 858 रन बनाए थे।
गौतम गंभीर शुरू से ही बेहतरीन प्रदर्शन करते आए है। उन्होंने अपने वनडे करियर 5238 रन बनाए और टेस्ट करियर में 4125 रन बनाए है। अक्टूबर 2011 में गौतम गंभीर की शादी एक बिजनेसमेन की बेटी नताशा जैन के साथ हुई।
कुछ दिनों पहले ही बड़े पर्दे पर रिलीज हुई फिल्म ‘एम एस धोनीः द अनटोल्ड स्टोरी’ को लेकर गौतम गंभीर सुर्खियों में आ गए थे। उन्होंने इस फिल्म को लेकर कहा था कि ‘‘उरी हमलें में जो 17 जवान शहीद हुए है बॉलीवुड को उन पर बायोपिक बनानी चाहिए न कि किसी क्रिकेटर की लाइफ पर। उन जवानों ने अपनी जिंदगी देश पर कुर्बान कर दी है उनकी कहानी लोगों को ज्यादा इंस्पायर करेगी।’’