इस सीजन घूम आइए विश्व धरोहर फूलों की घाटी
विश्व धरोहर फूलों की घाटी के लिए लोगों में खासा उत्साह होता है। घाटी एक जून से पयर्टकों के लिए खुल चुकी है। पर्यटकों के आवाभगत के लिए कई सारी तैयारियां कर ली गई हैं। नंदा देवी नेशनल पार्क प्रशासन फूलों की घाटी तक जाने वाले पैदल मार्ग को सुचारू बना चुका है। यहां विभिन्न सुंदर फूल देखते ही बनते हैं। हालांकि फूलों की ये घाटी अपने शबाब पर अगस्त से सितंबर तक रहती है, लेकिन जून से सितंबर के बीच भी यहां का नैसर्गिक सौंदर्य मन को सुकून देने वाले होता है।फूलों की घाटी के संरक्षण को नंदा देवी नेशनल पार्क का गठन वर्ष 1982 में हुआ था। जबकि वर्ष 2005 में इसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर का दर्जा दिया था।
वैसे इस घाटी की खोज विदेशी टूरिस्ट फै्रंक एस स्माइथ ने की थी। यहां पांच सौ से ज्यादा प्रजाति के फूल खिलते हैं। जुलाई से अकटूबर के बीच तो अलग-अलग प्रजाति के रंग-बिरंगे फूल खिलने से घाटी का रंग बदल जाता है। वन विभाग की मानें तो फूलों की घाटी जाने के लिए लोग घांघरिया पहुंच रहे हैं।
कैसे पहुंचे-
बदरीनाथ नेशनल हाइवे पर जोशमठ -बदरीनाथ के बीच बीस किमी गोविंद घाट-पुलना तक सड़क सुविधा है। यहां से 11 किमी घांघरिया तक घोड़ा या खच्चर से पैदल पहुंचा जा सकता है।
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