भेष बदलकर रेस में पहुंचे गूगल के फाउंडर्स, जानिए कारण
गूगल पिछले कुछ वर्षों से अपनी ऑटोमैटिक ड्राइवर-लेस कार के अति महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर काम कर रही है. अपनी इस ऑटोनौमस कार पर तेजी से काम कर रही गूगल इसके पूरा होने के बाद जल्द ही टैक्सी कारोबार में भी उतरने की प्लानिंग कर रहा है. अन्दर की खबर के मुताबिक, गूगल ने अपनी टैक्सी सर्विस के लिए ऐप भी बना लिया है और गूगल के कर्मचारी इसका परीक्षण उपयोग कर रहे हैं.
इसके पहले गूगल के प्रमुख लैरी पेज ने भी अपने एक बयान में ये कहा था कि गूगल की ड्राइवर रहित महत्वाकांक्षी कार योजना उसके गूगल-मूनशॉट लैब Google-X में चल रही है और कंपनी को भरोसा है कि उसकी ये कार जल्दी ही दुनियाभर की सड़कों पर दौड़ती दिखाई देगी.
ताकि उन्हें पहचाना ना जा सके
वाकया यह है कि सेबस्टियन थ्रन वे व्यक्ति हैं जो वर्ष 2005 से स्टैनफ़ोर्ड में एक रेस के लिए ड्राइवर-लैस कार का निर्माण करने में लगे हुए थे, एवं उनकी चाहत थी कि अंततः गूगल उसे उक्त महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए अपने साथ ले लेगा। थ्रन को गूगल फाउंडर्स पेज और सेर्गेय ब्रिन ने इस कार के बन जाने के बाद हायर कार लिया था. और यह इच्छा पूरी होने का वक्त आ गया जब अपने इस मूनशॉट प्रोजेक्ट के लिए Google के संस्थापक लैरी पेज और सेर्गेई ब्रिन स्वयं की पहचान छिपा कर अपना इस कार-रेस में अपना भेष बदल कर पहुँच गए, ताकि उन्हें पहचाना ना जा सके और वे अपने इस प्रोजेक्ट के लिए आगे की मूनशॉट गतिविधि को संचालित किया जा सके.
थ्रोन के बारे में क्या अहम् निर्णय लिया जाता है?
थ्रोन ने इस ग्रैंड चैलेंज प्रतिस्पर्धा के लिए एक सेल्फ-ड्राइविंग कार बनाई थी – उन्होंने CNBC को दिए इंटरव्यू में बताया कि तो लैरी रेस में आये उन्होंने एक टोपी और धूप का चश्मा लगाया ताकि वे हर किसी से परेशान न हो। इस कार में उनकी गहरी दिलचस्पी थी, लैरी इस तकनीक में बहुत अधिक समय से जुड़े है, उनके साथ सेर्गेय ब्रिन थे और वे दोनों वास्तव में समझना चाहते हैं कि क्या हो रहा है। अब देखिये इतनी सीढ़ी पार हो चुके थ्रोन के बारे में क्या अहम् निर्णय लिया जाता है?
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