नोटबंदी के बाद कालेधन पर टैक्स से मिले 6000 करोड़ रूपए
परिक्षित गंगराड़े। कालेधन की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) के उप प्रमुख जस्टिस अरिजीत पसायत ने शुक्रवार को बताया कि डीमोनेटाइजेशन (नोटबंदी) की घोषणा के बाद से केंद्र ने अनडिक्लेयर्ड कैश डिपॉजिट (अघोषित नकद जमा) पर टैक्स पेनाल्टी वसूल कर लगभग 6,000 करोड़ रुपये प्राप्त किये हैं। उन्होंने अभी और इस प्रकार टैक्स पेनाल्टी से रूपया प्राप्त होने का संकेत दिया है।गौरतलब है कि यह एसआईटी पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली कैबिनेट की बैठक में बनाई थी.
500 और 1000 के नोटों को बंद करने के बाद टैक्स अधिकारियों ने उन जमाकर्ताओं से ब्यौरा मांगा था जिन्होंने एक मुश्त रूपया अपने तथा अन्य लोगों के अकाउंट में जमा कराया था। हालांकि, कई लोग सजा कॅ३ दर से अपनी अघोषित आय पर 60 प्रतिशत टैक्स पेनाल्टी देने को तैयार हो गए हैं, जो कि अब बढ़ा कर 75 फीसदी कर दी गई है।
एसआईटी चेयरमैन जस्टिस एम बी शाह के नेतृत्व में अभियान की निगरानी कर रहे जस्टिस पसायत के अनुसार काला धन के खिलाफ ईडी, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स , सीबीआई और अन्य एजेंसियों द्वारा चलाई गई साझा मुहिम से अब तक करीब 6,000 करोड़ रुपये प्राप्त किए हैं।
ज्ञात रहे कि कालेधन की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) के उप प्रमुख जस्टिस अरिजीत पसायत ने पूर्व में यह खुलासा किया था कि अभी तक 70,000 हजार करोड़ रुपये की ब्लैक मनी का पता लगाया जा चुका है तथा एसआईटी द्वारा छठी रिपोर्ट अप्रैल में शीर्ष अदालत (सुप्रीम कोर्ट) को सौंपी जाएगी. उन्होंने पूर्व में यह भी बताया था कि 70 हजार करोड़ रुपये का कालाधन, जिनमें भारतीयों द्वारा विदेशों में छिपाए गए 16,000 हजार करोड़ रुपये शामिल हैं, का पता लगाया गया.
एसआईटी के वाइस चेयरमैन जस्टिस पसायत ने हालांकि, यह अनुमान लगाने से इनकार किया है कि इससे कुल कितना कैश प्राप्त किया जा सकता है, लेकिन उम्मीद जाहिर की है कि यह बहुत बड़ा अमाउंट होगा। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के पहले चरण में काले धन के खिलाफ अभियान चलाया गया, जिसमें 50 लाख या उससे अधिक जमा करने वालों पर नजर रखी गई। उन्होंने बताया कि ईमेल और एसएमएस इन जमाकर्ताओं को भेजे गए। कई लोग सजा के दर से टैक्स एवं उस पर पेनाल्टी देने को तैयार हो गए। उन्होंने बताया कि ओडिशा जैसे गरीब राज्य में हजारों लोगों को ऐसे ईमेल और एसएमएस भेजे गए हैं।
मालूम हो कि एसआईटी द्वारा काले धन के सृजन की जांच करने के लिए अपनी अंतरिम रिपोर्ट के माध्यम से पिछले दो साल में कई सिफारिशें की गई हैं. इनमें से कई सिफारिशों को सरकार द्वारा मान भी लिया गया है. हालांकि कुछ सिफारिशें काले धन पर शिकंजा कसने के लिए उच्चस्तर पर विचाराधीन हैं.
उन्होंने कहा कि 50 लाख रुपये जमा कराने वाले 1,092 लोगों ने नोटिस का जवाब नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि हर तरह के डिपॉजिट को जांचने में टैक्स अधिकारियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी है। पसायत ने बताया कि बड़ा अमाउंट डिपॉजिट करने वाले बिजनसमैन को पिछले तीन साल का बैलंस शीट पेश करने को कहा गया है। उनसे साथ ही हर साल के आईटीआर का ब्यौरा भी मांगा गया है।
पसायत ने बताया कि टैक्स अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे बड़ी राशि जमा कराने वाले सरकारी अधिकारियों के साथ सख्ती से पेश आएं। उनकी तरफ से जमा कराए गए अघोषित कैश को प्रीवेन्शन ऑफ करप्शन ऐक्ट के तहत जब्त कर लिया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि ओडिशा में एक डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (डीएफओ) ने 2.5 करोड़ रुपये जमा कराए हैं। जाहिर है कि वह इस राशि का स्रोत नहीं बता सकता है, क्योंकि यह रिश्वत का पैसा है। उनका पूरा पैसा जब्त कर लिया जाएगा।
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