प्रायवेट जैसा होगा सरकारी कर्मचारियों का सालाना इंक्रीमेंट
नई दिल्ली. सरकार ने सातवा वेतन आयोग लागू तो कर दिया है और कर्मचारी इससे खुश भी नजर आ रहे हैं लेकिन मोदी सरकार ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों से ये भी कहा है कि वे इस वेतन आयोग के बदले उनसे ‘गुड वर्क नहीं बल्कि ‘वेरी गुड वर्क’ चाहती हैं। मोदी सरकार ने अप्रेजल की नई नीति बनाई है जिसमें कर्मचारियों का सालान इंक्रीमेंट उनके परर्फामेंस के आधार पर किया जाएगा। जिसका काम जितना गुड होगा उसे उतना ही इंक्रीमेंट दिया जाएगपा।
निजी कंपनियों जैसा होगा स्ट्रक्चर
सरकार ने सातवें वेतन आयोग को लागू करने के साथ ही एक बेंचमार्क बनाया है। जिसे मोडिफायड एशोर्ड करियर प्रोग्रेशन शर्त है कि कर्मचारी को गुड परफॉर्मेंस नहीं बल्कि वेरी गुड परफॉर्मेंस देना होगा। इसी पर प्रमोशन, सालाना इंक्रीमेंट भी निर्भर करेगा। सातवें वेतन आयोग ने वेतन बढ़ाने के साथ साथ इसकी भी सिफारिश की थी। अभी ऐसी नीति पर निजी कंपनियां पर काम करती हैं, लेकिन सरकार भी इसी राह पर चल पड़ी है। अभी सरकारी कर्मचारियों को 196 किस्म के अलाउंसेंस मिलते हैं। 53 अलाउंस खत्म करने के लिए कमेटी बनाई गई है जो 4 महीने में रिपोर्ट देने वाली है।
इतनी होगी वृद्धि
सरकार ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को क्रियान्वित करने के लिए संशोधित वेतनमान को अधिसूचित कर दी है। इससे केंद्र सरकार के कर्मचारियों के मूल वेतन में 2.57 गुना की बढ़ोत्तरी होगी। एक जनवरी 2016 से केंद्र सरकार में न्यूनतम वेतन 18,000 रुपए मासिक होगा और उच्चतम स्तर पर यह 2.5 लाख रुपए होगा। अधिसूचना के अनुसार नए वेतन मैट्रिक्स के तहत एक जनवरी 2016 को कर्मचारियों का नया वेतन मौजूदा वेतन (मूल वेतन और ग्रेड पे का योग) के 2.57 गुने के बराबर होगा। इसके साथ साल में वेतन वृद्धि (इन्क्रीमेंट) के लिए दो तारीखें एक जनवरी और एक जुलाई होगी. फिलहाल इसके लिए केवल एक जुलाई की तारीख थी।