ब्लू व्हेल का आतंक पूरे देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया पर छा गया है। इस गेम के चलते हर दिन कई मौतें हो रही है। पहले तो इसकी खुमारी विदेशों में भी लेकिन अब आए दिन भारत में भी इस गेम को लेकर आत्महत्या के मामले देखने को मिल रहे हैं। इस गेम को लेकर हाल ही में सरकार ने एक कड़ा कदम उठाया हैं
जानकारी के अनुसार केंद्रीय व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ’ब्लू व्हेल’ जैसे गेम पूरी तरह अस्वीकार्य हैं, जो युवाओं को आत्महत्या तक कर लेने को उकसाते हैं। प्रसाद ने कहा कि सरकार ने इस संबंध में सभी प्रौद्योगिकी कंपनियों को ’द ब्लू व्हेल चैलेंज’ के प्रसार को रोकने के निर्देश दिए हैं।
ये भी पढ़ें – “द ब्लू व्हेल गेम” क्या है जिसमे सुसाइड है विनिंग ट्रॉफी
-मुंबई के अंधेरी ईस्ट स्थित शेर-ए-पंजाब कॉलोनी में 30 जुलाई को 14 साल के एक स्कूली छात्र मनप्रीत सिंह साहनी ने कथित तौर पर इसी गेम के कारण आवासीय इमारत की पांचवीं मंजिल से छलांग लगा दी।
-मणिपुर के एक पूर्व मंत्री के बेटे की भी दिल्ली में छत से गिरकर जान चली गई और इस मामले में भी माना जा रहा है कि ’ब्लू व्हेल’ के कारण ही यह हुआ. केरल में एक किशोर ने इस गेम की चुनौतियां पूरी करने के क्रम में फांसी पर लटककर जान दे दी।
प्रसाद ने कहा, ’हमें ब्लू व्हेल से संबंधित कई शिकायतें मिली हैं, जो किशोरों व युवाओं को आत्महत्या तक कर लेने को उकसाते हैं। प्रौद्योगिकी कंपनियों को इस गेम के प्रसार को रोकने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।’ उन्होंने कहा, ’मैं सभी प्रौद्योगिकी कंपनियों से सरकारी निर्देश का सख्ती से पालन करने की अपील करता हूं. ऐसे गेम पूरी तरह अस्वीकार्य हैं.’
सरकार ने गूगल, फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट और याहू सहित तमाम प्रौद्योगिकी कंपनियों को ऐसे सभी लिंक हटाने को कहा है, जो उपभोक्ताओं को खतरनाक ऑनलाइन ’द ब्लू व्हेल चैलेंज’ तक ले जाते हैं। ‘द ब्लू व्हेल’ खेलने वालों को 50 दिनों तक खुद को नुकसान पहुंचाने वाली कई चुनौतियां दी जाती हैं और इनके सबूत के तौर पर घटनाओं की वीडियोग्राफी करने को भी कहा जात है. दुनियाभर में इस गेम के कारण कथित तौर पर 130 से अधिक स्कूली छात्र-छात्राओं की मौत हो गई।