एक साल में मोबाइल को आधार और बैंक से जोड़ना चाहती है सरकार, ये है सुप्रीम कोर्ट की राय
नोटबंदी के बाद से देश के बैंकिंग सिस्टम में तेजी से बदलाव आए हैं हालांकि ये बदलाव नोटबंदी के पहले से ही थे लेकिन आम जनता के बीच इनका अस्तित्व नोटबंदी के बाद ही आया। केंद्र सरकार अब सभी लोगों के मोबाइल नंबर को उनके अकाउंट नंबर और आधार कार्ड से जोड़ना चाहती है जिससे उनके लेनदेन और पहचान में पारदर्शिता आ सके।
देश में 90 प्रतिशत प्रीपेड सिम
इस समय देश में लगभग 90 फीसदी लोगों के पास प्रीपेड सिम है। ऐसे में केंद्र सरकार चाहती है कि आधार कार्ड को एक साल में सभी लोगों के मोबाइल नंबर से जोड़ा जाए। इस मामले में केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को भी बताया कि एक साल में सभी सिम कार्डों को आधार कार्ड से जोड़ दिया जाएगा। सरकार के अनुसार अब ऐसा मैकेनिज्म लाया जा रहा है जिससे इन मोबाइल सिम को भी आधार से जोड़ा जा सके।
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने
गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि मोबाइल सिम कार्ड रखने वालों के वेरिफिकेशन के लिए क्या तरीका है, इसके बारे में दो हफ्ते में केंद्र सरकार जानकारी दे। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जेएस खेहर ने कहा था कि मोबाइल सिम कार्ड रखने वालों की पहचान न हो तो यह धोखाधड़ी से रुपये निकालने के काम में इस्तेमाल हो सकता है. सरकार को जल्द ही पहचान करने की प्रक्रिया करनी चाहिए, वहीं केंद्र की ओर से कहा गया था कि इस मामले में उसे हलफनामा दाखिल करने के लिए वक्त चाहिए. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्ते का वक्त दिया।
वहीं दूसरी ओर मोबाइल को बैंकिंग से जोड़ने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मोबाइल को बैंकिंग से जोड़ने में सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण है कि उनका वेरिफिकेशन हो जिससे धोखाधड़ी रूक सके। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सिम कार्ड के मिसयूज को लेकर नए और सख्त नियम बनाने के लिए भी कहा है हो सकता है कि जल्द ही ही सिम को लेकर नए नियम आपके सामने हो।
गौरतलब है कि कुछ महीनों पहले ही यानि सर्जिकल स्ट्राइक के समय देश के कई बैंकों के एटीएम कार्ड का डाटा हैक करने की ख़बरें आई थी ऐसे में अगर ये सारी सुविधाए मोबाइल के साथ जोड़ी जाती है तो सुरक्षा के स्तर पर भी पूरा ध्यान देना होगा। एक जरा सी चूक हैकर्स को आपका डाटा या आपकी जानकारी चुराने में मदद कर सकती है।
- - Advertisement - -