अब मोदी सरकार चुकाएगी आपके घर का किराया
रेंट पर रह रहे लोगों को हर महीने किराया चुकाने की टेंशन से निजात मिल जाएगी, क्योंकि मोदी सरकार अब आपके फ्लैट या कमरे का किराया चुका सकती है। दरअसल, केन्द्र सरकार 100 स्मार्ट सिटीज में जल्द ही 2700 करोड़ की नई योजना की शुरूआत करने जा रही है। सरकार की तरफ से गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के लिए किराया वाउचर्स के साथ रेंटल हाउजिंग पॉलिसी लांच किया जाएगा। जिसके तहत शहर में रहने वाले गरीबों को घर का किराया चुकाने के लिए वाउचर्स दिए जाएंगे। सरकार रेंट वाउचर्स के साथ नई रेंटल हाउजिंग पॉलिसी को गरीबी रेखा से नीचे वाले लोगों के लिए पेश कर सकती है। हालांकि इस पॉलिसी पर पिछले तीन सालों से काम होता आ रहा है। इसका पहला कंपोनेंट स्मार्ट सिटी में 2017-18 के वित्तिय वर्ष में आ जाएगा। स्मार्ट सिटी में स्कीम को शुरू करने पर हर साल 2,713 करोड़ रूपए की लागत आने की उम्मीद है।
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वाउचर वैल्यू से ज्यादा रेंट, तो भुगतान करना होगा अपनी जेब से
इस स्कीम को अर्बन पूअर यानि शहरों में रहने वाले गरीबों के लिए शुरू किया जा रहा है, जिससे वहां मजदूरी करने आने वाले लोगों को मदद मिल सकेगी। रेंट वाउचर्स को शहरी निकायों की मदद से गरीबों में बांटा जाएगा। किराएदार इन वाउर्च को मकान मालिक को देगा, जो उसे किसी सिटीजन सर्विस ब्यूरो से अपने अकाउंट में ट्रांसफर करा सकेंगे। अगर रेंट वाउचर की वैल्यू से ज्यादा होता है, तो किरायेदार को उसका भुगतान अपनी जेब से ही करना पड़ेगा। रेंट वाउचर की वैल्यू शहर और कमरे के साइज के हिसाब से तय की जाएगी। खबर के अनलुसार प्रधानमंत्री की हाउजिंग फॉर ऑल स्कीम के पूरक के तौर पर वाउचर स्कीम को देखा जा रहा है। केंद्र जब्त की गई बेनामी प्रॉपर्टी का इस्तेमाल किफायती घर बनाने के लिए करेगी। इससे घरों की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी। एक अधिकारी के मुताबिक हाल ही में बेनामी प्रॉपर्टी एक्ट को लागू किया गया है। इससे रेंटल हाउजिंग के लिए आगे का रास्ता साफ हो गया है। इन रूल्स में एक ऐसी शर्त डाली जा सकती है, जो घर केंद्र सरकार जब्त करेगी , उन्हें नीलाम नहीं किया जाएगा बल्कि उन्हें राज्य सरकारों के जरिए एमआईजी , एलआईजी और गरीबों को रेंटल हाउजिंग के लिए दे सकता है। ये फैसला प्रॉपर्टी की लोकेशन और योग्यता के आधार पर लिया जाएगा। Next Page पर पढ़ें पूरी ख़बर
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