अब नहीं मिलेंगे ग्रेस मार्क – सीबीएसई
सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) ने एक अहम फैसले में मॉडरेशन नीति को खत्म करने की घोषणा की। इसके तहत छात्रों को मुश्किल सवालों के लिए ग्रेस अंक दिए जाते हैं। उच्च स्तरीय बैठक के दौरान यह फैसला किया गया। मॉडरेशन नीति के अनुसार परीक्षार्थियों को खास प्रश्नपत्र के सवालों के कठिन प्रतीत होने पर 15 प्रतिशत अतिरिक्त अंक दिए जाते थे। हालांकि यदि कोई छात्र कुछ नंबर से परीक्षा पास करने से रह जाता है, तो ऐसे में ग्रेस अंक देकर पास करने का प्रावधान जारी रहेगा।
क्या है मॉडरेशन पॉलिसी
इस पॉलिसी के तहत जब बारहवीं में पेपर कठिन आता है, तो स्टूडेंट्स आपत्ति जताते हैं और उन्हें ऐसे सवालों के पूरे अंक दिए जाते हैं, या फुल मार्क उन स्टूडेंट्स को दिए जाते हैं जिन्होंने कॉपी में सवाल को थोड़ा भी हल करने की कोशिश की थी। पेपर में प्रश्न गलत आने पर भी मॉडरेशन पॉलिसी को फॉलो किया जाता है। इसके तहत उस सवाल के पूरे अंक दिए जाते हैं।
पॉलिसी खत्म करने की अहम वजह
स्टूडेंट्स को मॉडरेशन पॉलिसी की वजह से लगभग 8 से 10 अंक तक अधिक मिलते थे जिसकी वजह से 95 फीसदी और इससे अधिक अंक स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ गई थी। कॉलेज एडमिशन में बढ़ने कॉम्पिटिशन और 95 फीसदी से अधिक नंबर स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स की बढ़ती संख्या को देखते हुए इस तरह का फैसला लिया गया। पिछले साल दिसंबर में इस बारे में सीबीएसई ने एमएचआरडी (मानव संसाधन विकास मंत्रालय) को रिक्वेस्ट की थी कि मॉडरेशन पॉलिसी को खत्म किया जाए, जिस पर अब निर्णय तय हुआ है।
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