आजादी के बाद का सबसे बड़ा कर सुधार जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) शुक्रवार को आधी रात से लागू हो गया। जीएसटी लॉन्चिंग के लिए संसद के सेंट्रल हॉल में शुक्रवार रात 12 बजे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और विपक्ष के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
पीएम मोदी और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने एक साथ बटन दबाकर पूरे देश में एक कर व्यवस्था की शुरुआत की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी ने ऐतिहासिक क्षण पर कहा कि जीएसटी किसी एक दल, सरकार की उपलब्धि नहीं है। यह हम सब की साझी विरासत है। सभी के साझे प्रयासों का परिणाम हैं। उन्होंने अपने भाषण में कहा, ‘यह राष्ट्र निर्माण का पल है। सवा सौ करोड़ देशवासी इसके साक्षी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये गुड्स एंड सर्विस टैक्स नहीं बल्कि गुड एंड सिंपल टैक्स है।
GST से सिर्फ उतनी ही परेशानी होगी जितनी नए नंबर के चश्मे से होती है
‘ पीएम मोदी ने कहा, ‘ये व्यवस्था ज्यादा सरल और पारदर्शी है। GST से सिर्फ उतनी ही परेशानी होगी जितनी नए नंबर के चश्मे से होती है।’ उन्होंने कहा अब गंगानगर से ईटानगर और लेह से लक्षद्वीप तक एक ही टैक्स रहेगा। राष्ट्रपति ने जीएसटी से होने वाली कुछ परेशानियों पर कहा, ‘किसी नई चीज को लागू करने पर थोड़ी सी शुरूआती समस्याएं होती हैं, लेकिन कुछ समय बाद लोग इसे समझने लगते हैं।’
वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस लॉन्चिंग के साथ ही देश में 17 से ज्यादा टैक्सों की जगह सिर्फ एक ही टैक्स ले लेगा। उन्होंने कहा, ‘यह भारत की एक नई शुरुआत होगी। इससे नए भारत का निर्माण होगा और नए भारत में केंद्र और राज्य मिलकर एकसाथ काम करेंगे।
आपको बता दें की जीएसटी में चार स्लैब (5%, 12%, 18% और 28%) बनाया गया है, यानी अब अलग-अलग वस्तुओं और सेवाओं को चार स्लैब में रखा गया है। जम्मू-कश्मीर एकमात्र राज्य है, जहां जीएसटी लागू नहीं हुआ है। महबूबा मुफ्ती की सरकार आम सहमति बनाने में विफल रही है। जम्मू-कश्मीर में 6 जुलाई को जीएसटी कानून बनाया जा सकता है।
यहां देखिए जीएसटी आने के बाद पहला बिल, SGST और CGST में समाए सारे टैक्स
सभी टैक्स में सरकार ने पारदर्शिता लाने की कोशिश की है। जीएसटी के बाद आप जो भी सामान खरीदेंगे इसमें एसजीएसटी और सीजीएसटी के तहत एक बराबर टैक्स का भुगतान करना होगा। सरकार ने इसमें 5 स्लैब रखे हैं, जिसके हिसाब से यूजर को अलग-अलग सामान के लिए अलग-अलग टैक्स देने होंगे। इसके पहले यूजर पर कई तरह के टैक्स लगाए जाते थे। जिसमें कुछ खरीददारी करने पर सेल्स टैक्स, वैट टैक्स, सेस आदि। जीएसटी के आने के बाद पहले बिल में इसका असर दिखाई देना शुरू हो गया है। बिल में स्पष्ट तौर पर एसजीएसटी और सीजीएसटी टैक्स दिखाई दे रहा है। दरअसल सरकार ने जो टैक्स स्लैब बनाए हैं, उनके हिसाब से आधा हिस्सा स्टेट जीएसटी और आधार हिस्सा सेंट्रल जीएसटी में जाएगा।
नयी कर व्यवस्था में कर के चार स्लैब पाँच प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत तय किये गये हैं। सबसे ऊपरी स्लैब में विलासिता की वस्तुओं और स्वास्थ्य की दृष्टि से नुकसान देह उत्पादों जैसी बीड़ी, सिगरेट आदि को रखा गया है। हालाँकि, इसी स्लैब में कारों के साथ मोटरसाइकिलों के कलपुर्जाें को भी रखा भी गया है। आम लोगों के उपभोग की अधिकांश वस्तुओं को शून्य या पाँच प्रतिशत के दायरे में रखा गया है। बिना ब्रांड वाले खाद्य पदार्थों पर कर की दर शून्य तथा ब्रांड वालों पर पाँच प्रतिशत है। बारह प्रतिशत के दायरे में कुछ ऐसी वस्तुओं को रखा गया है जिन पर अभी छह प्रतिशत से अधिक कर लग रहा है। शराब, पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, विमान ईंधन को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। इन पर फिलहाल पुरानी व्यवस्था के तहत कर लगता रहेगा।
ऐसे समझे जीएसटी
जैसे नेस्कैफे की कॉफी खरीदी गई है और उसकी कीमत 50 ग्राम पैकेट पर 140 रुपए आपको देनी पड़ रही है तो दरअसल उस पैकेट की कीमत 109.38 रुपये है। ऐसे में कॉफी पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया है। अब ये 28 प्रतिशत केंद्र और राज्य सरकार में बंटवारा होगा। 50 प्रतिशत के इस बंटवारे में कुल 14 प्रतिशत राज्य सरकार के खाते में और 14 प्रतिशत केंद्र सरकार के खाते में आएगा।
इसका मतलब यह कि कॉफी के पैकेट पर कुल जीएसटी 30.62 रुपये लगाया जाएगा। मतलब कॉफी का पैकेट 109.38 की कीमत और जीएसटी के साथ कुल 140 रुपये का हो जाएगा।
दूध से लेकर दाल-रोटी पर आज से ये होगा असर
GST लागू होने के बाद से आपके खाने-पीने में प्रयोग होने वाली कई प्रमुख वस्तुएं जैसे दूध, दही, पनीर, नमकीन भुजिया आदि के दामों पर काफी असर पड़ेगा। इनमें से कई वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी तो कई मामूली रुप से महंगी हो जाएंगी।