‘मेरे पिता को पाकिस्तान ने नहीं मारा, उन्हें युद्ध ने मारा’ वाली बात से सुर्खियों में आईं गुरमेहर कौर आजकल कहां हैं? करीब हफ्ते भर तक टीवी चैनलों पर बहसों का हिस्सा बनी और इंटरनेटी पर छा गई, गुरमेहर आजकल क्या कर रही हैं? छात्र संगठन ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) के खिलाफ भी प्रदर्शनों में शामिल हुई रहीं गुरमेहर के बारे में देश भर यह जानने की कोशिश करता रहा कि देश के शहीद की बेटी अचानक कहां चली गई? तो आप को बता ही देते हैं, वो आपन अगला स्टेप क्या लेगी, गुरमेहर कौर आजकल कुछ जुदा करने में लगी है, एक दम अनोखा। उन्हें लगता है कि जो काम वह कर रही हैं, उससे उनकी असलियत और कबिलियत से लोग रूबरू होंगे। गुरमेहर ने यह भी बताया कि DU (दिल्ली विश्वविद्यालय) में हंगामे के दौरान उनके जज्बातों को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया था, इसलिए अब वह अपनी बात को ठोस तरीके से, फिर से रखने के लिए कुछ अदद करेगी.
इसलिए – ‘मोमेंट्स ऑफ फ्रीडम’
गुरमेहर कौर अपनी जिंदगी पर आधारित एक Book लिख रही हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक ‘मोमेंट्स ऑफ फ्रीडम’ (Momentum Of Freedom) शीर्षक के नाम गुरमेहर Book लिखने में व्यस्त हैं, जिसके अगले जनवरी-2018 में आने की उम्मीद है। गुरमेहर के मुताबिक लोग अक्सर आपके मुंह में अपनी ही बातें ठूंसने का प्रयास करते हैं, वही सुनना चाहते हैं, जो उन्हें रास आता है, इसीलिए वह अब खामोश रहकर अपनी तमाम बातें Book के माध्यम से लोगों के बीच रखेंगी।
यह है मजमून
गुरमेहर के मुताबिक उनकी Book में पारिवारिक संवेदनशीलता के काफी करीब होगी, किताब में ऐसी बातें होंगी जो उन्होंने अपनी मां और दादी से सीखी। वह कहती हैं कि मां और दादी ने बच्चों की अकेले ही परवरिश की, इसलिए Book में 3 महिलाओं के संघर्ष, साहस और अनुभवों की बाते होंगी। गुरमेहर की मानें तो Book में युद्ध के मुद्दे को भी उकेरा जाएगा।
गुरमेहर Book लिखने के पीछे एक और दिलचस्प वजह बताती हैं। वह कहती हैं कि 12 वर्ष की उम्र में उन्होंने निकोलस स्पार्क की Book पढ़कर अल्जाइमर की बीमारी के बारे में जाना और तब से वह इस बात को लेकर डरती रहीं कि अगर बीमारी उन्हें हो गई तो पिता की सारी यादें छू मंतर हो जाएंगी, इसलिए उन यादों को Book में पिरोना ठीक लगा। गुरमेहर की Book में 70 वर्षों का एक सैनिक के परिवार का अनुभव होगा, जिसमें उनकी दादी के लाहौर से आने से लेकर उनके एक्टिविज्म तक की घटनाओं की बातें होंगी। तो फिर इंतजार कीजिए गुरमेहर की Book का…!