गुरमेहर ने लिखा पहला ब्लॉग “मैं”, आपके शहीद की बेटी नहीं हूं
“शहीद पिता को ट्वीट करने के बाद सुर्खियों में आई गुरमेहर कौर एक बार फिर चर्चा में आ गई हैं। इस बार उन्होंने ट्विटर पर अपने पहले ब्लॉग के बारे में जानकारी दी है। गुरमेहर ने अपने ब्लॉग का टाइटल दिया है “हू आई एम”। सेना के शहीद कैप्टन मनदीप सिंह की बेटी गुरमेहर कौर ने अपने ब्लॉग में लिखा है , यह ऐसा सवाल है जिसका जवाब शायद में एक हफ्ते पहले बहुत आसानी से दे सकती थी। लेकिन आज मैं ऐसा नहीं कर सकती हूं। क्या मैं वैसी हूं, जो ट्रॉल्स के बारे में सोचते हैं। या फिर मैं वैसी हूं , जैसा मीडिया में मेरे बारे में बोला जाता है। या क्या मैं वो हूं, जो सेलिब्रिटी सोचते हैं। नहीं, मैं इनमें से कोई नहीं हो सकती हूं।
You’ve read about me, made assumptions based on articles. Here in my own words. My first blog titled “I am”
नहीं हूं ब्रेकिंग न्यूज की हेडलाइन-
गुरमेहन ने आगे लिखा है हाथों में प्लेकार्ड लिए , भौहें चढ़ाए और मोबाइल फोन के कैमरे पर टिकी आंखों वाली जिस लड़की को आपने टीवी पर देखा , वह बिल्कुल मेरे जैसी दिखती है। उसके चेहरे पर विचारों की उत्तेजना चमकती है, निश्चित तौर पर उसमें मेरी झलक दिखाई देती है। मैं इस बात से सहमत हूं कि वह बहुत उग्र दिखती है, लेकिन ब्रेकिंग न्यूज की हेडलाइन्स ने कुछ और ही कहानी सुनाई है। मैं वो सुर्खियां नहीं हूं।
ब्लॉग में मां और बहन का भी जिक्र-
कौर ने लिखा कि मैं अपने पिता की बेटी हूं। उनकी गुलगुल और उनकी गुडिय़ा हूं। मैं दो साल की कलाकार हूं, जो शब्द नहीं समझती। मैं अपनी मां का सिरदर्द, विचार रखने वाली एक मूढ़ी बच्ची हूं। में अपनी बहन की गाइड हूं और कई मुद्दों पर बहस करने वाली उसकी साथी भी।
एक बार फिर पिता का किया जिक्र-
लेडी श्रीराम कॉलेज की छात्रा ने लिखा हैकि 6 अगस्त 1999 के बाद मेरे शब्दकोश में कुछ नए शब्द जुड़ गए हैं। मौत, पाकिस्तान और युद्ध। मैं कुछ सालों तक इनका मतलब भी नहीं समझ पाती थी। मेरे पिता शहीद हैं लेकिन मैं उन्हें ऐसे नहीं जानती हूं। मैं उन्हें ऐसे जानती हूं कि वह कार्गो की बड़ी जैकेट पहनते थे और उनकी जेब में मिठाइयां भरी रहती थीं।
गुरमेहर ने कहा कि -“आपके शहीद की बेटी नहीं हूं”-
गुरमेहर ने अपने पिता के बारे में लिखा है कि में उस पिता को जानती हूं जिसने मुझे च्युंगम दिलाई और स्ट्रा से पानी पीना सिखाया। मैं उनका कंधा जोर से पकड़ लेती थी, ताकि वो मुझे छोड़कर न जाएं। मेरे पिता शहीद हैं, मैं उनकी बेटी हूं। लेकिन मैं “आपके शहीद की बेटी नहीं” हूं।
ये है गुरमेहर कौर मामला-
गुरमेहर कौर की उस टिप्पणी पर विवाद बढ़ गया था , जिसमें उन्होंने कहा कि मेरे पिता को पाकिस्तान ने नहीं बल्कि युद्ध ने मारा। गुरमेहर के पिता मनदीप सिंह कौर सेना में थे और शहीद हो गए थे। रामजस कॉलेज में हुई एबीवीपी कार्यकर्ताओं द्वारा मारीपीट के विरोध में गुरमेहर ने सोशल मीडिया पर अपना विरोध दर्ज किया था। इसके बाद जब कुछ लोग उनके समर्थन में आए तो बहुत लोगों ने गुरमेहर का विरोध भी किया।
- - Advertisement - -