कभी देखे हैं आपने ये रंग
रंगों का त्यौहार सब तरफ मनाया जा रहा है। होली देश के सभी भागों में हर्षोल्लास से मनाई जाती है, वहीं विध्वंसकारी ताकतें खूनी होली मनाती रहती हैं। संपूर्ण मानवता को दरकिनार करके खून से होली खेली जाती है। फिर वह चाहे देश में हो या विश्व-जगत में। हम तो साल में एक बार दिल की दूरियों को कम करने के लिए रंगों से खेलते हैं किंतु ये तत्व वर्ष भर खून से होली खेलते हैं। कहीं आतंकवाद के नाम पर, कहीं सीमाओं के नाम पर तो कहीं देश पर कब्जों के नाम पर किंतु सब तरफ होती है तो बस खून की होली। इस होली को हम बस बेबस होकर देख ही पाते हैं बजाय कुछ करने के। वजह साफ है, हमें जीवन में छुपे कई रंग दिखाई ही नहीं पड़ते या यूं कहें कि हम देखना ही नहीं चाहते। इस खूनी होली में रंग तो हम सिर्फ लाल देख पा रहे हैं, जिसे देख हमारा खून सफेद हो चुका है। तो आइए जिक्र करें उन रंगों के बारे में जो हमें दिखाई नहीं पड़ रहे हैं-
प्रेम का रंग
इस रंग को सभी जानते हैं। ये बस बचा है प्रेमी-प्रेमिका में, वो भी मतलबपरस्ती के साथ। जबकि ये हमारे हर संबंध की धुरी है। ये हर संबंध में रहना ही चाहिए फिर वो किसी के भी साथ हो, किसी भी रूप में हो। इसके बगैर हम इस खूनी होली को रोक ही नहीं सकते।
आसमान का रंग
जब-जब मौसम में परिवर्तन होता है, तब-तब हमारे आसमान का रंग बदलता है। कई बार बारिश में इंद्रधनुष तो कई बार लालिमा लिए आकाश। कई बार बादलों के बीच बनती प्रकाश की तरंगों से बनी खूबसूरती। ये खूबसूरती भी ऐसी होती है कि आप देखते ही रह जाएं।
शांति का रंग
शांति का, शुद्धता का और पवित्रता का रंग होता है सफेद रंग। किसी भी सफेद चीज को देखने भर से ही हमारा मन शांत हो जाता है। शांति का ये रंग व्यक्ति की सोच को सकारात्मक बनाता है। यदि हम सकारात्मक रहेंगे तो विश्व भर में खूनी होली का औचित्य ही समाप्त हो जाएगा।
खुशी का रंग
खुशी एक ऐसी भावना है जिसे दूसरों को देने पर हमें ज्यादा अच्छा महसूस होता है। दूसरों को खुशी देने में जो मजा है वो अकेले खुश होने में नहीं है। यदि दुनिया के सभी लोग एक-दूसरे को खुशी देने में ही सच्ची खुशी महसूस करें तो दुनिया से आतंकवाद का नाम-ओ-निशां मिट जाएगा।
हरियाली का रंग
हरियाली का रंग होता है हरा जोकि हमारे मन को शीतलता प्रदान करता है। जब भी हम किसी प्राकृतिक जगह पर जाते हैं और हरियाली की सुंदरता को निहारते हैं तो हमारे मन को शीतलता मिलती है और मन खुश हो जाता है। प्रकृति की बनावट और हरियाली को निहारने का मजा ही कुछ और है।
जीवों का रंग
पृथ्वी पर तरह-तरह के जीव पाए जाते हैं। कुछ लंबी पूंछ वाले होते हैं तो कोई सूंड वाला होता है। किसी के पंख बहुत रंगीले होते हैं तो कोई बड़े-बड़े सींगों वाला होता है। कोई हवा में उड़ता है तो कोई पानी में तैरता है। ये सभी रंग-बिरंगे जीव हमारी पृथ्वी का हिस्सा हैं। ये जीव बेजुबान होकर भी हमें बहुत कुछ सिखाते हैं।
कहने का मतलब यह है कि प्रकृति अलग-अलग और खूबसूरत रंगों से भरी पड़ी है किंतु हम क्यों लाल रंग में उलझे हुए हैं? इससे बाहर आकर यदि इन रंगों का वास्तविक मतलब समझकर आनंद उठाएं तो मन को मिलने वाली शांति और जीवन में फैलने वाली सुंदरता खुशियां और प्रसन्नता ही देगी और हम इन प्रकृति प्रदत्त वरदानों का सम्मान कर पाएंगे।
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