स्कूल शुल्क नियामक पर हाईकोर्ट ने दिया गुजरात सरकार को नोटिस
गुजरात उच्च न्यायालय ने आज एक जनहित याचिका पर सरकार को एक नोटिस जारी किया है, जिसमें निजी स्कूलों की फीस तय करने के लिए एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायलय के न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली समितियों की स्थापना की मांग की गई है। मुख्य न्यायाधीश आर सुभाष रेड्डी और न्यायामर्ति वीएम पंचाली की खंडपीठ ने गैर सरकारी संगठन जागते रहो के प्रमुख प्रफुल्ल देाईकी दायर एक याचिका पर एक नोटिस जारी किया है।
याचिका के तहत राज्य सरकार को निर्देश दिया गया है कि न्यायलय द्वारा हाल ही में पारित कानून के तहत फीस नियामक समितियों का अध्यक्ष होना चाहिए, एक निवृत्त एचसी न्यायाधीश की अध्यक्षता में होना चाहिए। साथ ही स्कूलों के लेखा की जांच के लिए सरकार की ओर नियुक्त लेखा परीक्षक की बजाय छात्रों के अभिभावकों की मंजूरी से लेखा परीक्षकों की नियुक्ति करने की भी मांग की है।
बता दें कि सरकार ने इस विधेयक को पिछले बजट सत्र के दौरन मार्च माह में पारित किया था। शिक्षा मंत्री भूपेन्द्र सिंह चूडास्मा ने इससे संबंधित 19 नियमों की घोषणा की थी। इस कानून के तहत प्राथमिक , माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों के लिए अधिकतम फीस की सीमा 15, 25 और 27 हजार रूपए सालाना तय की गई है। जिस भी स्कूल ने इसका उल्लंघन किया, उसे लिए पांच लाख रूपए का जुर्माना देना होगा यहां तक की उसकी मान्यता भी रद्द कर दी जाएगी।
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