पहले एक जमाना हुआ करता था जब लोग पैदल या साइकिल से अपने गंतव्य को जाया करते थे लेकिन अब हर किसी के पास अपना व्हीकल है। आंकड़ों के मुताबिक अब भारत में लोगों से ज़्यादा गाड़ियां है। देश में इतनी गाड़ियां हैं ऐसे में एक्सीडेंट होना आम बात है लेकिन हर दिन एक्सीडेंट में कई लोगों की जान जा रही है।
एक्सीडेंट में आए दिन कई लोग मर जाते हैं, इन्हें बचाने के लिए देश में ‘108 एंबुलेंस’ तो चल रही है लेकिन कभी-कभी ये समय पर नहीं पहुंचती और घायलों की जान चली जाती है लेकिन अब सरकार एक ऐसा प्रोग्राम लाने जा रही है जिसकी मदद से एक आम नागरिक भी घायलों की मदद कर सकेगा।
हाल ही में केंद्री स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में कार्यरत पेशेवरों की संख्या और कौशल गुणवत्ता बढ़ाने के लिए आज यहां ‘स्किल फॉर लाइफ,सेव ए लाइफ’ प्रशिक्षण अभियान का शुभारंभ किया। श्री नड्डा ने इस अवसर पर कहा कि देश के मानव संसाधन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि देश की आबादी का 65 फीसदी हिस्सा 35 वर्ष से कम आयु वर्ग का है। सरकार इसका फायदा उठाते हुए इनका कौशल विकास कर इन्हें रोजगार लायक बनाने की संभावनाएं तलाश रही है।
इसके जरिए विकास को मजबूत आधार देने का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में कुशल और प्रशिक्षित लोगों के लिए रोजगार की प्रबल संभावनाएं हैं। ‘स्किल फॉर लाइफ ,सेव ए लाइफ’ इस लक्ष्य के साथ ही शुरु किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण अभियान का पाठ्यक्रम राष्ट्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संस्थान और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने मिलकर तैयार किया है।
उन्होंने कहा कि देश में प्रतिदिन 1324 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिसमें प्रति चार मिनट एक व्यक्ति की मौत हो जाती है। ऐसे लोगों को यदि शुरुआती दस मिनट में सही प्राथमिक उपचार मिल जाए तो कईयों की जान बचाई जा सकती है। स्किल फॉर लाइफ ,सेव ए लाइफ प्रशिक्षण अभियान इस दिशा में उठाया गया बड़ कदम है। इसमें सिर्फ चिकित्सा पेशेवरों को ही नहीं बल्कि सामान्य नागरिकों को भी प्राथमिक उपचार के प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गई है। इसकी शुरुतात केन्द्र औश्र राज्य सरकारों के प्रत्येक जिलों के प्रशिक्षण केन्द्रों में जुलाई से आरंभ कर दी जाएगी।