बदलने जा रहा है एजुकेशन का इतिहास, सरकार ला रही है ‘हीरा’
केंद्र में जब से मोदी सरकार आई है हर दिन देश की मौजूदा व्यवस्था के श्रेष्ठ बनाने के लिए नए कदम उठा रही है। पहले योजना आयोग का नाम बदला, फिर वित्त वर्ष बदला, नोटबंदी का कदम, लाल बत्ती पर रोक और अब शिक्षा में सुधार के लिए ‘हीरा’ ला रही है। हीरा के आने से यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (यूजीसी) और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल ऐजुकेशन (एआईसीटीई) इतिहास बन जाएगा। इस रेग्युलेटर का नाम अभी हायर ऐजुकेशन एंपावरमेंट रेग्युलेशन एजेंसी (HEERA) रखा गया है।
सरकार द्वारा यह फैसला मार्च में लिया गया था। सूत्रों के मुताबिक मानव संसाधन मंत्रालय और नीति आयोग हीरा एक्ट को लाने के लिए तैयार कर रहे हैं। इसके लिए सराकार ने एक कमेटी भी बना दी है जिसमें नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत और हायर एजेकुशेन सचिव केके शर्मा सहित अन्य सदस्य इसके ब्लू प्रिंट पर काम कर रहे हैं।
शिक्षा प्रणाली में यह सबसे बड़ा रिफार्म होगा कि 61 साल पुरानी रेग्यूलेटरी सिस्टम को हटाकर एक सिंग्ल रेग्यूलेटर सिस्टम तैयार किया जाएगा। यूजीसी को खत्म करने के लिए यूपीए सरकार के समय गठित यशपाल समिति, हरी गौतम समिति ने सिफारिश की थी, लेकिन उसको कभी अमल में नहीं लाया गया था।
यूजीसी क्या है?
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) अधिनियम, 1956 केंद्रीय सरकार का एक उपक्रम है जो सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को अनुदान प्रदान करती है। इसी आयोग के तहत विश्वविद्यालयों को मान्यता भी दी जाती है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। इसके 6 कार्यालय पुणे, भोपाल, हैदराबाद, गुवाहाटी, कोलकाता एवं बैंगलुरू में है।
एआइसीटीई क्या है?
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) नए तकनीकी संस्थानों को शुरू करने और तकनीक संस्था में क्षमता में बदलाव के लिए नए अनुप्रयोजन शुरू करने के लिए मंजूरी देता है। इसके तहत तकनीकी संस्थानों में इंजीनियरिंग, प्रोद्योगिकी संस्थानों, फार्मेसी, वास्तुकला, होटल प्रबंधन और कंप्यूटर अनुप्रयोगों और एप्लाइड कला और शिल्प में ग्रेजुएशन और डिप्लोमा शामिल हैं।
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